आईएनएक्स मीडिया मामले में पी चिदंबरम को SC से मिली जमानत, बयान देने पर रोक
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया केस में आज सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई। चिदंबरम बीते 105 दिन से जेल में बंद थे। उन्हें सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 16 अक्तूबर को गिरफ्तार किया था। सीबीआई और ईडी दोनों मामले में जमानत मिलने के बाद अब चिदंबरम जल्द जेल से बाहर आ सकते हैं। फैसला सुनाते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस दौरान वे किसी भी गवाह से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे। इसके अलावा वे बिना इजाजत विदेश यात्रा नहीं कर सकेंगे। चिदंबरम केस से संबंधित कोई सार्वजनिक बयान या साक्षात्कार नहीं देंगे।
बता दें कि न्यायमूर्ति आर बनुमथी की अध्यक्षता वाली पीठ ने 28 नवंबर को चिदंबरम द्वारा दायर अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 15 नवंबर के फैसले को चुनौती दी थी और उन्हें मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था। तर्कों के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शीर्ष अदालत में दावा किया था कि 74 वर्षीय पूर्व वित्त मंत्री हिरासत में रहते हुए भी मामले में महत्वपूर्ण गवाहों पर पर्याप्त प्रभाव बना रहे हैं, इसपर चिदंबरम ने कहा था कि एजेंसी आधारहीन आरोप लगाकर उनके करियर और प्रतिष्ठा को नष्ट नहीं कर सकती।
ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आर्थिक अपराध गंभीर हैं क्योंकि ये न केवल देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं बल्कि सिस्टम में लोगों के विश्वास को भी हिलाते हैं, खासकर जब यह सत्ता में बैठे लोगों द्वारा किया जाता है।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और एएम सिंघवी ने मेहता के विरोध पर जवाब देते हुए कहा था कि चिदंबरम को कथित अपराध के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ने वाला कोई सबूत नहीं था और न ही यह दिखाने के लिए कोई सामग्री थी कि उन्होंने गवाहों को प्रभावित किया था या छेड़छाड़ की थी। सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि पी चिदंबरम कार्ति के पिता होने के कारण किंगपिन बन गए हैं। बेटे ने अगर अपराध किया तो क्या पिता को जेल भेज देना चाहिए?
इसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पी चिदंबरम एक निर्दोष व्यक्ति हैं जिन्हें जेल में बंद किया गया है। जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह मामला केवल आईएनएक्स मीडिया तक की सीमित नहीं है, अन्य कंपनियां भी हैं जिन्होंने एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) की मंजूरी के लिए आवेदन किया है।
चिदंबरम को पहली बार 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और शीर्ष अदालत ने उन्हें 22 अक्टूबर को जमानत दे दी थी। फिर ईडी ने उन्हें 16 अक्टूबर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। ईडी केस में भी सुप्रीम कोर्ट अगर चिदंबरम को जमानत दे देता है तो वो जेल से बाहर आ जाएंगे। चिदंबरम को पुलिस या न्यायिक हिरासत में रहते हुए 100 से ज्यादा दिन हो चुके हैं।