शिव पुराण का पवित्र पाठ करने से मिलते हैं कई लाभ, पाठ करते समय बरतें ये सावधानियां
सोमवार का दिन भगवान शिव को प्रिय है। इस दिन भगवान शिव की पूजा आराधना होती है। साथ ही इस दिन शिवजी का आशीर्वाद पाने के लिए शिवभक्त सोमवार व्रत भी रखते हैं। यह दिन चंद्र देव का भी दिन है। पौराणिक मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि सोमवार के दिन चंद्र देव शिव का पूजन किया करते थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें निरोगी और सुंदर काया का आशीर्वाद दिया। चंद्र देव शिवजी के माथे पर भी विराजमान हैं। आज के दिन शिव पूजा में शिव पुराण का पाठ किया जाए तो भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं। लेकिन कई बार हम अज्ञानतावश शिव पुराण को पढ़ते समय सावधानी नहीं बरतते हैं, जिसका वास्तविक फल हमें प्राप्त नहीं हो पाता है। इसलिए शिव पुराण को पढ़ते समय हमें कुछ जरूरी सावधानियां अवश्य ही बरतनी चाहिए।
शिव पुराण का पाठ करते समय बरतें ये सावधानियां
शिव पुराण को पढ़ने या सुनने से पूर्व तन और मन को शुद्ध करें।
नए अथवा साफ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मन में भगवान शिव के प्रति श्रद्धा रखें।
किसी के प्रति द्वेष भाव न रखें।
किसी की निंदा, चुगली न करें अन्यथा पुण्य समाप्त हो जाते हैं।
सात्विक भोजन ग्रहण करें और तामसिक पदार्थों का त्याग करें।
किसी भी तरह का पाप न करें।
शिव पुराण का पाठ सुनने से पहले या बाद में किसी का दिल न दुखाएं।
शिव पुराण का पाठ करने या सुनने के लाभ
शैव मत संप्रदाय के लिए यह पवित्र ग्रंथ है। इस धार्मिक ग्रंथ में शिव महिमा का वर्णन है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिव पुराण का पाठ करने से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं, निःसंतान लोगों को संतान की प्राप्ति हो जाती है। अगर वैवाहिक जीवन से संबंधित समस्याएं आ रही हैं तो वे समस्याएं दूर हो जाती हैं। व्यक्ति के समस्त प्रकार के कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन के अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।