नए साल का सेलिब्रेशन अलग तरह से करना चाहते हैं, तो कोझिकोड बीच है परफेक्ट जगह
अरब सागर के समुद्री तट पर स्थित यह शहर अपनी प्राचीनता और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। समुद्र तट पर यहां-वहां आज भी सीधे खड़े और झुके असंख्य खंभे हैं। इनमें कुछ तो समुद्र के बीच खड़े हैं।
इनमें से हर एक खंभा 100 साल से भी पुराना है। ये सब उस व्यस्ततम बंदरगाह के गवाह हैं, जहां पश्चिम और पूर्व दोनों दिशाओं से बड़े-बड़े व्यापारी आया करते थे। समुद्र तट पर एक लाइटहाउस और मरीन वॉटर एक्वेरियम भी है।
लाइट हाउस है खास
कोझिकोड बीच से लगा हुआ सफेद-लाल रंग का लाइट हाउस कहने को तो एक खामोश संरचना जैसा नजर आता है, लेकिन यह भी अपने में एक गवाह है कोझिकोड तट पर बदलते व्यापारिक समीकरणों का। आज यह एक 15 मीटर की संरचना है, जिसका पुननिर्माण साल 1907 में तत्कालीन ब्रिटिश शासन द्वारा करवाया गया था। इससे पहले यह 33 मीटर ऊंचा लाइट हाउस था, जिसका निर्माण 1847 में किया गया था। शुरुआत में नारियल के तेल का इस्तेमाल करके इस लाइट हाउस से प्रकाश फैलाया जाता था। बाद में काफी शोध के बाद तत्कालीन मद्रास प्रेसिडेंसी के एक इंजीनियर ने इस लाइट हाउस की ऊंचाई कम करने की सलाह दी, जिससे प्रकाश ज्यादा प्रभावी रूप से काम करे। साल 2008 में इस लाइट हाउस में एलईडी बल्ब लगाए गए थे।
कैसे और कब जाएं
यह शहर वायु, रेल और सड़क तीनों मार्गों से आने वाले पर्यटकों के लिए अच्छा है। कालीकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत के मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है। कोझिकोड का अपना रेलवे स्टेशन भी है। यह शहर केरल का बड़ा शहर है जहां के सड़क मार्ग भी शानदार हैं और सभी बड़े शहरों से जुड़े हुए हैं। मसालों के शहर कोझिकोड घूमने की योजना बना रहे हैं तो सितंबर से मार्च का महीना है एकदम परफेक्ट।