ज्ञान भंडार

बसंत पंचमी 2020 : सिद्ध योग व गुरुवार का दुर्लभ संयोग

ज्योतिष : माघ शुक्ल पंचमी बसंत पंचमी के रूप में मनाई जाती है। माघ मास का चौथा प्रमुख स्नान पर्व इस बार 30 जनवरी को है। तिथि विशेष को सिद्ध योग व गुरुवार का संयोग खास बना रहा है। पंचमी तिथि 29 जनवरी की सुबह 8.18 बजे लग रही है जो 30 को की सुबह 10.28 बजे तक रहेगी। बसंत पंचमी की मान्यता अपुच्छ मुहूर्त की है। इसी दिन वाणी, ज्ञान, बुद्धि व विवेक की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि माघस्य शुक्ल पंचम्याम विद्यारंभ दिनोदिवा, पूर्वेहि संयमम कृत्वा तत्र श्यात संवत: शुचि। अर्थात माघ शुक्ल पंचमी यानी वसंत पंचमी पर संयमपूर्वक प्रात:काल स्नान संध्या, तर्पण के बाद कलश स्थापन कर गणेश, सूर्य, अग्नि, विष्णु, शिव, दुर्गा आदि देवी-देवताओं की नैवेद्य आदि से पूजनोपरांत माता सरस्वती का पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन करना चाहिए। इस दिन वाग्देवी के पूजन से जीवन में सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। बसंत पंचमी ऋतु परत्व त्योहार है।

शास्त्रों में कहा गया है कि मधु माधव वसंत: श्यात…, अर्थात वसंत ऋतु चैत्र व वैशाख है लेकिन यह वसंत पंचमी शिशिर ऋतु में पड़ती है। वसंत ऋतु को ऋतुराज माना गया है। यह वसंत के स्वागत का पर्व है। इस तिथि पर रतिकाम महोत्सव की भी मान्यता है। रतिकाम देव की विधि-विधान से पूजा अर्चना से गृहस्थ जीवन सुखमय, हर कार्य में उत्साह, दांपत्य प्रेम में वृद्धि व वाणी में ओज आता है।

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