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बजट 2020: 6 % इजाफे के साथ 3.37 लाख करोड़ का रक्षा बजट

रक्षा बजट के लिए आम बजट में 3.37 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने का एलान किया है। यह पिछले साल के मुकाबले करीब 6 फीसदी ज्यादा है। बजट में निकट भविष्य में हथियार खरीद और आधुनिकीकरण के लिए 110734 करोड़ रुपए का अलग से प्रावधान किया गया है। यह रकम पिछले साल के मुकाबले 10340 करोड़ अधिक है। बजट में पेंशन के मद में 1.33 लाख करोड़ दिया गया है। पिछले साल रक्षा बजट 3.18 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरे और पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति के बाद उम्मीद की जा रही थी कि रक्षा वजट में खासतौर पर आधुनिकीकरण के मद में भारी बढ़ोतरी होगी। खुद रक्षा मंत्री रह चुकीं सीतारमण ने बजट भाषण में रक्षा बजट के बारे में कोई जिक्र नहीं किया।

हालांकि उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार में राष्ट्र की सुरक्षा को सर्वोच्च प्रार्थमिकता दी गई है। रक्षा को मिले 3.37 लाख करोड़ में 1.18 लाख करोड़ पूंजीगत खाता के लिए है। जबकि 2.18 लाख करोड़ राजस्व के मद में खर्च होगा। यानी आधे से ज्यादा सिर्फ तनख्वाह और सुविधाओं पर खर्च होगी। पिछले कई सालों की तरह इस बार भी आधुनिकीकरण और युद्ध सामग्री पर खर्च के लिए जल, थल और वायुसेना के हाथ बंधे रहेंगे।

यही वजह है कि विशेष परिस्थिति में हथियार खरीद और आधुनिकीरण के लिए अलग से प्रावधान किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने थल सेना के लिए एम-777 हल्के तोप और के-9 सेल्फ प्रोपेल्ड गन जैसे आधारभूत हथियार की भारी मात्रा में खरीद के लिए हाल ही में हरी झंडी दी है। इसका इंतजार काफी समय से किया जा रहा था। इसी तरह वायुसेना और नौसेना भी नए हथियार और संयत्र पर खर्च के लिए बड़े फंड का इंतजार कर रहा है। पिछले साल नौसेना ने धन की कमी को देखते हुए अपनी खरीद की योजना में काफी कमी की थी। ब्यूरो

तीनों सेनाओं की मजबूती पर जोर
रक्षा बजट में तीनों सेनाओं की मजबूती पर जोर दिया गया है। आधुनिकीकरण से लेकर अत्याधुनिक हथियार और उपकरणों को लेकर किसी भी तरह की कमी नहीं होगी।

सीबीआई को महज 4 करोड़ ज्यादा
भ्रष्टाचार और विदेशों में रह रहे आर्थिक भगोड़ों की जांच कर रही सीबीआई को 802 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह पिछले साल की तुलना में सिर्फ 4 करोड़ अधिक है। सीबीआई काफी सीमित मानव संसाधन के साथ प्रत्यर्पण से जुड़े दर्जनों मामलों की जांच कर रही है। इसके अलावा बड़ी संख्या में बैंक फ्रॉड और विशेष अपराध की जांच में खर्च होने वाली खासी रकम के लिए एजेंसी को इसी बजट से काम चलाना होगा। बजट में कहा गया है कि एजेंसी को विश्वस्तरीय बनाने के लिए ई-गवर्नेंस और ट्रेनिंग सेंटर के आधुनिकरण की कई योजनाओं के लिए खास फंड की उम्मीद थी। पेचीदा केस में फॉरेसिक और तकनीकी मदद बढ़ाने के लिए बड़ी योजनाएं हैं।

जम्मू-कश्मीर को 30757, लद्दाख को 5958 करोड़
आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों से जूझ रहे गृह मंत्रालय को 1,67,250 करोड़ रुपये मिले हैं।
2021 जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर 4278 करोड़ रुपये होंगे खर्च।
प्राकृतिक आपदा से मचने वाली तबाही के बाद राहत के मद में 1126.62 करोड़ और सामाजिक सुरक्षा व कल्याणकारी योजनाओं के लिए 842.45 करोड़ रुपये।
जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर के राज्यों के अशांत क्षेत्र और नक्सल इलाके में तैनाती के साथ और कई अहम रोल निभा रहे 9 अर्द्धसैनिक बलों के लिए 92054.53 करोड़।
नवगठित केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को 30757 और लद्दाख को 5958 करोड़।
दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव के लिए 2180 करोड़ और लक्ष्यद्वीप के लिए 1350 करोड़।
दिल्ली के लिए 1116 करोड़ और पुड्डुचेरी के लिए 1703 करोड़ रुपये आवंटित।
कैबिनेट मंत्रियों की सुविधाओं पर खर्च के लिए 1140. 38 करोड़ का प्रावधान।
प्राकृतिक आपदा के समय राज्यों को सहायता देने वाले राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) को 25000 करोड़।

बजट में इजाफा क्यों जरूरी
बीते कुछ वर्षों में लगातार अपने रक्षा बजट में इजाफा हुआ है। पड़ोसी देश चीन अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूती देने के निए काफी कुछ नया कर रहा है। इसलिए भी रक्षा बजट में इजाफा करना बेहद जरूरी था। 2018-19 का रक्षा बजट 2.95 लाख करोड़ रुपये का था। 2017-18 का रक्षा बजट 2.74 करोड़ रुपये था। इसके अलावा 2019 के बजट में उन जवानों के भत्ते में भी इजाफा किया गया था जो अत्यधिक जोखिम वाले इलाकों में जान दांव पर लगाकर देश की रक्षा करते हैं।

चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुना ज्यादा
चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुना ज्यादा है। वहीं भारत इस क्षेत्र पर जीडीपी का दो फीसदी से भी कम खर्च करता आया है। हालांकि रक्षा जानकार हर बार रक्षा बजट को जीडीपी के तीन फीसदी तक करने की मांग करते रहे हैं। इसकी वजह ये भी है कि अमेरिका अपनी जीडीपी का जहां 4 फीसदी खर्च करता है वहीं चीन 2.5 और पाकिस्तान 3.5 प्रतिशत रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित करता है।

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