महाशिवरात्रि में अपनी राशि के अनुसार ऐसे पाएं भोलेनाथ की कृपा
महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी को है। इस दिन भगवान शिव की आराधना से भक्तों के सारे पाप और संकट दूर हो जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति इस दिन अपनी राशि के अनुसार, शिव की आराधना करे तो यह बेहद ही उत्तम संयोग होगा। आइए जानते हैं, अपनी चंद्र राशि के अनुसार, आपको भगवान शिव को कैसे मनाना चाहिए।
मेष-
द्वादश ज्योर्तिलिंगों में सोमनाथ ज्योर्तिलिंग पहला ज्योर्तिलिंग है। जिनका जन्म मेष राशि में हुआ है उन्हें महाशिवरात्रि के दिन सोमनाथ ज्योर्तिलिंग की पूजा करनी चाहिए। जिनके लिए इस दिन सोमनाथ का दर्शन और पूजन करना कठिन हो वह अपने पास के शिव मंदिर में जाकर सोमनाथ का ध्यान करते हुए दूध से शिव को स्नान कराएं और स्नान के बाद शिव जी को शमी के फूल और पत्तियां चढ़ाएं।
शिव की पूजा के बाद ‘ह्रीं ॐ नमः शिवाय ह्रीं’।
वृष
शैल पर्वत पर स्थित मल्लिकार्जुन वृष राशि के स्वामी हैं। इस राशि के व्यक्तियों को मल्लिकार्जुन का दर्शन करना चाहिए। लेकिन जो लोग मल्लिकार्जुन का दर्शन करने नहीं जा सकते उनके लिए शिव की कृपा पाने का सबसे आसान तरीका है महाशिवरात्रि के दिन किसी भी शिवलिंग की पूजा गंगाजल से करें। शिवलिंग पर आक का फूल और पत्ता चढ़ाएं।
इस राशि के व्यक्ति मल्लिकार्जुन का ध्यान करते हुए ‘ ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करें।
मिथुन-
उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मिथुन राशि के स्वामी हैं। महाकालेश्वर कालों के भी काल हैं। इनकी पूजा करने वाले को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। इस राशि में जन्म लेने वाले व्यक्ति को महाकालेश्वर का दर्शन करना चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन इस राशि के व्यक्ति महाकालेश्वर का दर्शन करें तो पूरे वर्ष संकट से मुक्त रहते हैं। जो लोग इस दिन महाकालेश्वर का दर्शन नहीं कर पाएं वे महाकालेश्वर का ध्यान करते हुए किसी शिवलिंग को दूध में शहद मिलाकर स्नान कराएं और बिल्वपत्र एवं शमी के पत्ते चढ़ाएं।
महाकालेश्वर का ध्यान करते हुए ‘ॐ नमो भगवते रूद्राय’ मंत्र का यथासंभव जप करें।
कर्क-
मध्य प्रदेश में नर्मदा तट पर बसा ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग का संबंध कर्क राशि से है। इस राशि वाले महाशिवरात्रि के दिन शिव के इसी रूप की पूजा करें। ओंकारेश्वर का ध्यान करते हुए शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद अपामार्ग और विल्वपत्र चढ़ाएं। इस मंत्र का 108 बार जप करें। इस विधि से छात्र पूजा करें तो शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए ‘ॐ हौं जूं सः’। इस मंत्र का जितना संभव हो जप करें।
इस प्रकार शिव जी की पूजा करने से राशि के स्वामी चन्द्रमा को बल मिलेगा जिससे सेहत अच्छी रहेगी। मानसिक परेशानियों एवं चिंताओं का निदान होगा। इस प्रकार शिव की पूजा करने से भौतिक सुख के साधनों में वृद्घि होती है।
सिंह-
इस राशि के व्यक्ति वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करें। महाशिवरात्रि के अवसर पर वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की विशेष पूजा होती है जिसमें शिव पार्वती का विवाह होता है। महाशिवरात्रि के दिन सिंह राशि वाले वैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग का दर्शन करें तो पूरे वर्ष सेहत अच्छी रहती है। वैद्यानाथ ज्योर्तिलिंग का दर्शन जिन्हें प्राप्त न हो वह किसी भी शिवलिंग की पूजा गंगा जल से करें और सफेद कनेर का फूल चढ़ाएं। बाबा बैद्यनाथ को भांग व धतूरा बहुत पसंद है इसका भोग लगाएं।
‘ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनम। उर्वारूकमिव बन्ध्नान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। इस मंत्र का कम से कम 51 बार जप करें।
इस प्रकार शिव की पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है। सामाजिक प्रतिष्ठा और यश की प्राप्ति होती है। सरकारी नौकरी एवं सरकार से जुड़े कार्यों में आने वाली बाधा दूर होती है। विवाह योग्य कन्याओं की शादी के योग मजबूत होते हैं।
कन्या-
महाराष्ट्र में भीमा नदी के किनारे बसा भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग कन्या राशि का ज्योर्तिलिंग हैं। इस राशि वाले भीमाशंकर को प्रसन्न करने के लिए दूध में घी मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं। इसके बाद पीला कनेर और शमी के पत्ते चढाएं।
ॐ भगवते रूद्राय’ मंत्र का यथासंभव जप करें। इस प्रकार शिव की पूजा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है। बड़े भाई-बहनों के सहयोग में वृद्घि होती है। मित्रों से अच्छे संबंध बने रहते हैं। पूरे वर्ष विभिन्न स्रोतों से धन लाभ होता रहता है।
तुला-
तमिलनाडु स्थित भगवान राम द्वारा स्थापित रामेश्वर ज्योर्तिलिंग का संबंध तुला राशि से है। भगवन राम ने सीता की तलाश में समुद्र पर सेतु निर्माण के लिए इस ज्योर्तिलिंग की स्थापना की थी। महाशिवरात्रि के दिन इनके दर्शन से दांपत्य जीवन में प्रेम और सद्भाव बना रहता है। जो लोग इस दिन रामेश्वर ज्योर्तिलिंग का दर्शन नहीं कर सकें वह दूध में बताशा मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं और आक का फूल शिव को अर्पित करें।
शिव पंचाक्षरी मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का 108 बार जप करें। इस प्रकार शिव की पूजा करने से कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधा दूर होती है। पिता के साथ मधुर संबंध बने रहते हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्घि होती है। जो लोग अभिनय अथवा संगीत की दुनिया में कैरियर बनाना चाहते हैं उनके लिए इस प्रकार शिव की पूजा करना लाभप्रद रहता है।
वृश्चिक-
गुजरात के द्वारका जिले में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है जिसका संबंध वृश्चिक राशि से है। इस राशि वालों को गले में नागों की माला धारण करने वाले नागों के देव नागेश्वर ज्योर्तिलिंग की पूजा करनी चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन इनका दर्शन करने से दुर्घटनाओं से बचाव होता है। जो लोग इस दिन नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन न कर सकें वह दूध और धान के लावा से शिव की पूजा करें। शिव को गेंदे का फूल, शमी एवं बेलपत्र चढाएं।
ह्रीं ॐ नमः शिवाय ह्रीं। मंत्र का जप करें। इस राशि वालों के भाग्य के स्वामी चन्द्रमा हैं जो शिव के सिर पर सुशोभित हैं। महाशिवरात्रि के दिन इस प्रकार शिव की पूजा करने से भाग्योन्नति होती है। पिता से धन का लाभ होता है। भौतिक सुखों की कामना रखने वालों का धन वैभव बढ़ता है।
धनु-
वाराणसी स्थित विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग का संबंध धनु राशि से है। इस राशि वाले व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन गंगाजल में केसर मिलाकर शिव को अर्पित करें। विल्वपत्र एवं पीला अथवा लाल कनेर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
महाशिवरात्रि के दिन चन्द्रमा कमजोर रहता है। इस राशि वाले ॐ तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्रः प्रचोदयात।। इस मंत्र से शिव की पूजा करें। इससे चन्द्रमा को बल मिलता है और शिव कृपा भी प्राप्त होती है। इस प्रकार शिव की पूजा करने से अचानक होनी वाली क्षति और मानसिक चिंताओं से मुक्ति मिलती है। स्वास्थ्य अच्छा रहता है और आकस्मिक संकटों से बचाव होता है।
मकर-
मकर राशि का संबंध त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग से है। यह ज्योतिर्लिंग नासिक में स्थित है। महाशिवरात्रि के दिन इस राशि वाले गंगाजल में गुड़ मिलाकर शिव का जलाभिषेक करें। शिव को नीले का रंग फूल और धतूरा चढ़ाएं।
मकर राशि के लिए मंत्र
त्रयम्बकेश्वर का ध्यान करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 5 माला जप करें। जो लोग विवाह करना चाह रहे हैं उनकी शादी में आने वाली बाधा दूर होती है और सुन्दर एवं सुयोग्य जीवनसाथी मिलता है। दांपत्य जीवन के तनाव कम होता है। साझेदारी में व्यवसाय करने वालों की साझेदारी मजबूत होती है और लाभ बढ़ता है।
कुंभ-
इस राशि वालों को उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ की पूजा करनी चाहिए। अक्षय तृतीया से केदारनाथ की यात्रा आरम्भ होती है इसलिए महाशिवरात्रि पर केदारनाथ का दर्शन नहीं किया जा सकता है। इसलिए कुंभ राशि वाले व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन अपने आस पास के किसी शिवालय में जाकर केदारनाथ का ध्यान करते हुए शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद कमल का फूल और धतूरा चढ़ाएं।
कुंभ राशि के स्वामी भी शनि देव हैं इसलिए इस राशि के व्यक्ति भी मकर राशि की तरह ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करें। जप के समय केदरनाथ का ध्यान करें। इस प्रकार महाशिवरात्रि के दिन शिव की पूजा करने से पूरे वर्ष सेहत अच्छी रहती है। शत्रुओं एवं विरोधियों का डर नहीं रहता है। मामा मामी एवं मौसी के साथ अच्छे संबंध रहते हैं और जरूरत के समय इनसे लाभ मिलता है।
मीन-
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। इस ज्योर्तिलिंग का संबंध मीन राशि से है। इस राशि वाले महाशिवरात्रि के दिन दूध में केसर डालकर शिवलिंग को स्नान कराएं। स्नान के पश्चात शिव को गाय का घी और शहद अर्पित करें। कनेर का पीला फूल और विल्वपत्र शिव को चढ़ाएं।
ॐ तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्र प्रचोदयात।।
इस मंत्र का जितना अधिक हो सके जप करें। इस राशि वाले इस वर्ष ढ़ैय्या के प्रभाव में रहेंगे। इस प्रकार शिवरात्रि के दिन शिव लिंग की पूजा करने से शनि के कुप्रभाव से बचेंगे। आत्मविश्वास में वृद्घि होगी। स्वस्थ्य संबंधी समस्यओं में कमी आएगी। छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्ति में आसानी होगी।