पटना : बहुचर्चित मुजफफरपुर शेल्टर होम केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मामले के किंगपिन और दोषी करार दिए गए ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. ये मामला मुम्बई की टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट के बाद सामने आया था. इस मामले में साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, बलात्कार, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में आरोप तय किया था. सीबीआई ने इस मामले में ब्रजेश ठाकुर को मुख्य आरोपी बनाया था. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली ट्रांसफर किया गया था. तब से इस मामले की सुनवाई साकेत कोर्ट में चल रही थी और अब जाकर इसमें फैसला सुनाया गया. अदालत ने इस मामले में 20 मार्च, 2018 को आरोप तय किए थे. चुनाव लड़ चुका है। इस केस में सजा पाने वाले ब्रजेश ठाकुर ने वर्ष दो हजार में मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से बिहार पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गया था. अदालत ने 30 मार्च, 2019 को ठाकुर समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ बलात्कार और नाबालिगों के यौन शोषण का आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप तय किए थे.
अदालत ने बलात्कार, यौन उत्पीड़न, नाबालिगों को नशा देने, आपराधिक धमकी समेत अन्य अपराधों के लिए मुकदमा चलाया था। गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में 40 नाबालिग बच्चियों और लड़कियों से रेप और यौन शोषण होने की बात सामने आई थी. इस मामले में आरोप है कि जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ रेप हुआ था, वो ब्रजेश ठाकुर का है. इस मामले में ब्रजेश ठाकुर के अलावा शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी आरोपी बनाए गए थे. मामला सुर्खियों में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे बिहार से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था, जिसके बाद साकेत कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही थी. आरोपियों में आठ महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं.