उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर उत्तराखंड एससी-एसटी इम्पलाइज फेडरेशन और जनरल-ओबीसी कर्मचारी संगठन आमने-सामने आ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही प्रदेश सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। इसके चलते दोनों ही संगठनों ने आंदोलन का एलान किया है। उत्तराखंड एससी-एसटी इम्पलाइज फेडरेशन 23 फरवरी को प्रदेश के सभी जिलों में एससी-एसटी कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे।
फेडरेशन के अध्यक्ष करम राम की अध्यक्षता में हुई बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रमोशन में आरक्षण की मांग को लेकर 23 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
आंदोलन के अगले चरण में मार्च माह के प्रथम सप्ताह में देहरादून में प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर एससी-एसटी कर्मचारियों का राष्ट्रीय सम्मेलन किया जाएगा, जिसमें देश के सभी राज्यों से एससी-एसटी कर्मचारी संगठन को आमंत्रित किया जाएगा। इस सम्मेलन में प्रमोशन में आरक्षण की लड़ाई को राष्ट्रीय स्तर पर लड़ने का निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गई। इससे इस वर्ग का प्रतिनिधित्व पूरा हो सके। लेकिन कुछ संगठनों की ओर से एससी-एसटी वर्ग से इस हक को छीनने का प्रयास किया जा रहा है। इससे अब एससी-एसटी वर्ग के लोग भी राष्ट्रीय स्तर पर आरपार की जंग के लिए तैयार हैं।
जनरल ओबीसी कर्मचारी 20 को परिवार के साथ उतरेंगे सड़कों पर
प्रमोशन पर लगी रोक न हटाने से जनरल ओबीसी कर्मचारी 20 फरवरी को परिवार के साथ सड़कों पर उतरेंगे। प्रदेश स्तरीय महारैली के माध्यम से कर्मचारी सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे। महारैली के लिए उत्तराखंड जनरल ओबीसी इम्पलाइज एसोसिएशन ने रणनीति बना ली है।
प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में 20 फरवरी को देहरादून में होने वाली महारैली की तैयारियों पर रणनीति बनाई गई। एसोसिएशन ने निर्णय लिया कि महारैली में सभी नरल ओबीसी कर्मचारी अपने परिवार के साथ भाग लेंगे।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि 7 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी सरकार ने प्रमोशन पर रोक नहीं हटाई है। पिछले पांच महीनों से सभी विभागों में हजारों कर्मचारियों की प्रमोशन रुकी हुई है। सरकार व शासन को प्रमोशन पर रोक हटाने के लिए 19 फरवरी तक का समय दिया है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ अनुसूचित जनजाति के कई कर्मचारी भी जनरल ओबीसी एसोसिएशन के साथ आने को तैयार हैं। इसके बारे में कई कर्मचारियों से वार्ता हो चुकी की है।
महारैली में अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को लाने का प्रयास किया जाएगा। इस मौके पर एसोसिएशन के महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं समेत संयोजक मंडल के अन्य घटक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।