किसी को दिल का दौरा आने पर घबराएं नहीं, इस तरह करें प्राथमिक उपचार
जब आपके सामने कोई अचानक गिर जाए तो आप क्या करते हैं? सबसे पहले चीज जो आपके दिमाग में आती है वो ये कि आप उसे प्राथमिक इलाज दें। लेकिन क्या आपको या किसी को भी पता होता है कि प्राथमिक इलाज कैसे दिया जाता है या इसे देने का सही तरीका क्या है। प्राथमिक इलाज सिर्फ आपके लिए नहीं होती बल्कि ये किसी और के लिए भी आपको आनी चाहिए। जिससे की कभी कोई ऐसी स्थिति आपके सामने पैदा होती है तो आप उसका सामना कर सकें और सामने वाले को प्राथमिक उपचार दे सकें।
प्राथमिक उपचार किसी के लिए भी जरूरी हो जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अचानक से गिर जाते हैं और उनके पास डॉक्टर के पास जाने का कोई विकल्प नहीं होता। डिस्ऑर्डर एक आम समस्या है जो दौरे के रूप में भी आती है। इस स्थिति में अचानक से ब्रेन सेल्स में परेशानी होने लगती है, जिसकी वजह से अचानक से इंसान का बर्ताव बदल जाता है और कई मामलों में पीड़ित बेहोश भी हो जाता है।
दौरे के किसी भी एक मामले में देखा जाए तो वो ज्यादा से ज्यादा 2 मिनट तक ही होता है। अगर ये दौरा 2 मिनट से ज्यादा देर तक रहता है तो ऐसे में पीड़ित को फौरन डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है। इस मामले पर हमने बात की डॉक्टर दिलीश मलिक से जो एमबीबीएस और एमडी हैं। हमने डॉक्टर दिलीश मलिक से ये जानने की कोशिश की अगर किसी को दौरा पड़े तो प्राथमिक उपचार कैसे दिया जाए।
सबसे पहले आपको ये जानने की जरूरत है कि ये ऐंठन क्या है। ऐंठन के मामले में, शरीर की मांसपेशियों में तेजी से संकुचन होता है। ऐसे में आपको दौरे के लक्षणों के बारे में जानने की जरूरत है। तभी आप किसी को प्राथमिक उपचार दे सकते हैं।
शरीर में अनियंत्रित चीजें होना।
बेहोशी की हालात होना।
चिंता या भय की अचानक भावना होना।
प्राथमिक उपचार
सुरक्षित जगह पर ले जाएं
कई बार आपने देखा होगा कि जो लोग ऐंठन या दौरे का शिकार होते हैं वो कहीं भी गिर जाते हैं जिस वजह से उनकी जान को खतरा भी होता है। इसके लिए आपको सबसे पहले उन्हें किसी सुरक्षित जगह पर ले जाने की जरूरत होती है। आप कोशिश करें की पीड़ित को खुली और सुरक्षित जगह पर लेकर जाएं। सड़क के बीच में या कहीं ऐसी जगह पर ही प्राथमिक उपचार देने से बचें जहां उन्हें किसी चीज का खतरा। किसी सुरक्षित जगह पर उन्हें ले जाकर आप उन्हें लेटा दें।
शरीर की ऐंठन को कम होने दें
आप पीड़ित को प्राथमिक उपचार देने के लिए तब तक का इंतजार करें जब तक उनके शरीर से ऐंठन या दौरा कम न हो जाए। इसके बाद आप उन्हें फौरन बाए ओर करवट करके लेटाएं जिससे की उनका दौरा फिर से न आए।
पीड़ित को ताजी हवा लगने दें
आप कोशिश करें की पीड़ित के आसपास ज्यादा संख्या में लोग न हों। इससे उन्हें और भी दिक्कत हो सकती है। उन्हें दौरा आने के बाद कोशिश करें कि खुली हवा में लेकर जाएं। जहां उन्हें ताजी हवा लग सके। इसके साथ ही पीड़ित को दौरा आने पर किसी को भी उन्हें जबरदस्ती उठाने की कोशिश न करने दें। इसके साथ ही इस बात का ख्याल रखें की उन्हें खुली और ताजी हवा ज्यादा से ज्यादा लगे। इसके बाद अगर आपको लगता है कि ये कंट्रोल से बाहर है तो इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है।