दो दिन की यात्रा में ट्रंप को भारतीय संस्कृति से करवाया जाएगा अवगत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 36 घंटे की भारत यात्रा के दौरान भारत की समृद्ध व विविधतापूर्ण संस्कृति से रूबरू करवाया जाएगा। अहमदाबाद में उनकी यात्रा के समय भारत के अलग अलग हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले 28 मंच बनाए जाएंगे जिसे इंडिया रोड शो नाम दिया गया है। साथ ही गांधीजी के जीवन की घटनाओं को भी इन स्टेज केे जरिए प्रदर्शित किया जाएगा। विदेश सचिव हर्ष वर्धन शृंगला ने बताया कि मोटेरा स्टेडियम में नमस्ते ट्रंप के दौरान ट्रंप कार्यक्रम में आए जिन लोगों को संबोधित करेंगे, वे भी अलग अलग हिस्सों से यहां आ रहे हैं। ट्रंप अपनी पत्नी मलानिया और अन्य उच्चस्तरीय अधिकारी व स्टाफ सदस्यों के साथ इस यात्रा पर आ रहे हैं। आगरा यात्रा के दौरान ट्रंप सूर्यास्त के पहले एक घंटे ताजमहल परिसर में घूमेंगे और इस अजूबे को निहारेंगे। इसके बाद वे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
25 फरवरी की सुबह राष्ट्रपति भवन में इन अतिथियों का पारंपरिक स्वागत होगा। यहां से ट्रंप राजघाट पर गांधीजी की समाधि पर पुष्प अर्पित करने जाएंगे। इसके बाद हैदराबाद हाउस में ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बातचीत होगी। इसमें रणनीतिक सहयोग, रक्षा, आतंक रोकने, कारोबार, ऊर्जा व द्विपक्षीय विषयों पर चर्चा होगी। वहीं पीएम मोदी की मेजबानी में लंच किया जाएगा। इसके बाद अमेरिकी दूतावास के आयोजन व उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बातचीत होगी। शाम को ट्रंप राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में मिलेंगे।
एंटी एयूवी सिस्टम लगेगा, विमानों से भी होगी निगरानी
ट्रंप की सुरक्षा के लिए सिर्फ स्थानीय स्तर पर इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं बल्कि प्रदेश और केंद्र के गृह विभाग भी कई कदम उठा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर एक और कदम यह उठाया गया है कि शहर के सभी संवेदनशील इलाकों में फोर्स तैनात की जाएगी।
एनएसजी एंटी अनमेन्ड एयर व्हीकल डिफेंस सिस्टम लगाएगा। यह ऐसा सिस्टम है जो हवा में ड्रोन जैसे मानवरहित विमान का पता चलते ही उसे निष्क्रय कर देता है। जल्द ही एयरफोर्स हवा से निगरानी शुरू कर सकती है। अमेरिका से आई अफसरों की एडवांस टीम सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने पर काम कर रही है। आगरा में ऐसे विमान तैनात हैं जो किसी भी खतरे से पहले वार्निंग और दूर तक नजर रखने का काम करते हैं। बीस साल पहले जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन आए थे, तब वायुसेना ने हवा में निगरानी की थी।
स्थानीय स्तर पर भी सुरक्षा का घेरा बढ़ा दिया गया है। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद के नेतृत्व ने एक टीम ने मंगलवार को सफाई, सड़क मरम्मत आदि काम में लगे कर्मचारियों और मजदूरों का सत्यापन कर रिपोर्ट तैयार की। शहर के 108 इलाकों में पुलिस तैनात की जाएगी। तीन दिन बाद ही बाहर से फोर्स आनी शुरू हो जाएगी।
अमेरिकी सैलानियों की पहली पसंद रहा है ताजमहल
अमेरिकी राष्ट्रपति आइजनहॉवर हों या बिल क्लिंटन, जब भी अमेेरिकी राष्ट्रपति ताजमहल के दीदार के लिए आए, उनकी यात्रा के बाद अमेरिका के सैलानियों की संख्या ताजमहल पर बढ़ी है। यही वजह है कि ताजमहल पर दुनिया भर से आने वाले सैलानियों की संख्या में अमेरिकी पर्यटक पहले नंबर पर हैं। ताज के दीदार में ब्रिटिश सैलानी दूसरे तो चीन के सैलानी तीसरे नंबर पर हैं। पर्यटन उद्यमियों को उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के बाद अमेरिका से आने वाले सैलानियों की संख्या में बंपर उछाल आ सकता है।
आगमन से पहले ट्रंप के वीडियो संदेश पर कांग्रेस को ऐतराज
भारत दौरे पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वीडियो संदेश को लेकर कांग्रेस ने ऐतराज जताया है। प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि भारत की हमेशा से अतिथियों के स्वागत की परंपरा रही और हम उनके आगमन का स्वागत करते हैं लेकिन अपने दौरे के ठीक पहले वीडियो संदेश में वे कहते हैं कि इंडिया हैस ट्रीटेड नॉट फेयरली और भारत को लेकर नाखुशी जाहिर करें ये ठीक नहीं।
उन्हें हमारे देश और देशवासियों की बेज्जती का हक नहीं है। हमारे देश की भी गरिमा है। विदेश मंत्रालय को उनके इस बयान पर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए। ट्रंप के स्वागत में 70 लाख लोगों को जुटाए जाने के सवाल पर तिवारी ने कहा कि हमारा देश विविधता से भरा है गौरव है जुलूस और जलसों में हिस्सा लेना हमारी खूबी है।
भारत से बड़ा कारोबारी समझौता होगा, लेकिन अभी नहीं : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगले हफ्ते होने जा रही यात्रा यादगार बनाने के लिए भारत उल्टी गंगा बहाकर उसका पानी आगरा पहुंचा रहा है। अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रंप’ के दौरान हजारों लोग उनका स्वागत करेंगे। इन सबके बावजूद ट्रंप का कहना है कि भारत अमेरिका से अच्छा व्यवहार नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान भारत से कोई बड़ा कारोबारी समझौता नहीं हो सकेगा। हालांकि उम्मीद जताई कि बाद में समझौता हो सकता है। नवंबर में प्रस्तावित अमेरिकी चुनाव से पहले यह होगा या नहीं, फिलहाल नहीं कहा जा सकता।
इससे पहले भी ट्रंप अमेरिका-भारत के कारोबारी संबंधों पर असंतोष जता चुके हैं। अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचे आयात शुल्क के लिए उन्होंने भारत को ‘टैरिफ किंग’ बताया था। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप में कहा, हम भारत के साथ बड़ा कारोबारी समझौता करने जा रहे, हम यह जरूर करेंगे। पर मुझे नहीं पता कि यह चुनाव से पहले होगा या नहीं, लेकिन भारत के साथ बहुत बड़ी डील जरूर होगी।
उन्होंने दोनों देशों के कारोबारी संबंधों पर चिंता जताते हुए कहा, भारत हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहा है। ट्रंप के इस रुख के बाद माना जा रहा है कि कारोबारी समझौते के बजाए कारोबारी पैकेज तय किए जा सकते हैं। अधिकारियों ने पुष्टि नहीं की है लेकिन यह संकेत मिले हैं कि अमेरिका के कारोबारी प्रतिनिधि व भारत से कारोबारी वार्ता के केंद्र में रहने वाले रॉबर्ट लाइटहाइजर इस यात्रा में नहीं होंगे। लाइटहाइजर और भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल में बीते कुछ हफ्तों से फोन पर कई राउंड की वार्ता हुई है।
अमेरिका से 25 हजार करोड़ रुपये के रक्षा सौदे की उम्मीद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे में दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण रक्षा सौदों पर सहमति बन सकती है। विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने बुधवार को कहा, पीएम नरेंद्र मोदी और ट्रंप 25 फरवरी को रक्षा सौदों और कारोबारी समझौतों समेत कई मुद्दों पर बात करेंगे। इस दौरान अमेरिका से नौसेना के लिए रोमियो और वायुसेना के लिए अपाचे हेलिकॉप्टर खरीद के 2.6 अरब डॉलर (25,250 करोड़ रुपये) के सौदे पर मुहर लग सकती है।
विदेशी सचिव ने बताया, दोनों देशों में साथ आगे बढ़ने की सोच है। अहमदाबाद का ‘नमस्ते लंदन’, ह्यूस्टन में हुए ‘हाउडी मोदी’ जैसा ही होगा। इस बीच, उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि दोनों देश कारोबारी समझौतों पर तेजी दिखाने से बच रहे हैं। दोनों पक्ष इन फैसलों के दीर्घकालिक असर को देखते हुए फैसला करेंगे। इससे पहले ट्रंप ने वाशिंगटन में पत्रकारों से कहा कि वह भारत से करोबारी समझौता करना चाहते हैं लेकिन फिलहाल कोई बड़ा कारोबारी समझौता नहीं होगा।
ओबामा, ट्रंप दोनों को लगेगा मोदी हमें ज्यादा पसंद करते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतर कोई नेता नहीं हो सकता, जो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों से शानदार संबंध बनाए रख सके। उन्होंने अपनी टीम के साथ ऐसा काम किया है कि दोनों नेताओं को लगेगा कि मोदी हमें ज्यादा पसंद करते हैं। आज यूरोप हो या दुनिया में बाकी जगह, सभी नेता किसी एक दिशा में जाते दिखते हैं या दूसरी। लेकिन पीएम मोदी के साथ ऐसा नहीं है।
यह भारतीय जटिल रणनीतिक कूटनीति और चीजों को समझने का शानदार उदाहरण है। वहीं ट्रंप की दिलचस्पी फिर से चुनाव जीतने में है, न कि अमेरिकी की वैश्विक भूमिका को लेकर। उन्होंने भारतीय-अमेरिकी समूहों को ऊर्जा दी है। यह समूह लोकतांत्रिक रहे हैं, लेकिन आगे क्या होगा निश्चित नहीं है। यह समूह भारत-अमेरिकी संबंधों में दिलचस्पी लेने लगेंगे। चाहेंगे कि दोनों देश सक्रिय आगे बढ़ें। देखते हैं क्या परिणाम निकलता है। इस सबके बीच मुझे पूरी उम्मीद है कि भारत में ट्रंप की यात्रा विजयपूर्ण रहेगी।