निर्भया के दोषी को अदालत की फटकार, कहा- बीमारी का नाटक कर रहा
निर्भया के दोषी विनय की मानसिक स्थिति बेहद खराब होने का दावा कर उसे उच्च स्तरीय चिकित्सा उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिका पटियाला हाउस अदालत ने शनिवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि जिस दोषी को मौत की सजा सुनाई गई हो, उसका चिंतित और अवसाद में होना सामान्य है। इस मामले में जाहिर तौर पर दोषी को पर्याप्त चिकित्सा उपचार और मनोवैज्ञानिक सहायता पहले ही दे दी गई है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष तिहाड़ जेल के वकील इरफान अहमद ने विनय की मेडिकल रिपोर्ट सौंपी। इरफान अहमद ने कोर्ट को बताया कि दोषी विनय ने खुद जेल की दीवारों पर अपना सिर पटका था। इसके तुरंत बाद उसका इलाज तिहाड़ जेल के डॉक्टरों ने किया था। उन्होंने इस मामले की सीसीटीवी फुटेज भी अदालत को सौंपी।
उन्होंने बताया कि विनय की मानसिक अस्थिरता की कोई पुरानी मेडिकल हिस्ट्री नहीं है, जैसा कि उसके वकील एपी सिंह ने बताया है। दोषी विनय ने हाल ही में अपनी मां और वकील को दो फोन किए थे तो क्यों उसके वकील यह दावा कर रहे हैं कि वह अपनी मां को भी नहीं पहचान पा रहा है?
वहीं विनय के वकील एपी सिंह ने कोर्ट के समक्ष कहा कि विनय मानसिक रूप से बीमार है और उसका उच्च स्तरीय उपचार कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विनय ने जेल से अपने परिवार को दो बार फोन किया, लेकिन अब उसकी हालत ऐसी है कि वह अपनी मां को भी नहीं पहचान पा रहा है। उन्होंने दलील दी कि मानसिक रूप से बीमार दोषी को फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता।
इसके बाद कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई संकेत नहीं है कि विनय को मनोवैज्ञानिक परेशानी है। लिहाजा उसकी याचिका को खारिज किया जाता है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि मेडिकल जांच में साफ हुआ है कि विनय मानसिक बीमारी का नाटक कर रहा है और इसका फायदा उठाकर फांसी से बचने कोशिश कर रहा है।
विनय ने तीन दिन पहले दोपहर में तिहाड़ जेल नंबर 3 में अपना सिर दीवार में मारकर खुद को घायल कर लिया था। उसे मामूली चोटें लगीं, जिनका तिहाड़ जेल में उपचार किया गया। तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट को बताया कि विनय ने खाना छोड़ दिया है और उसका व्यवहार चिड़चिड़ा हो गया है। अन्य तीन दोषियों का व्यवहार सामान्य है।