दिल्ली में फिर से पत्थरबाजी शुरू, एक और व्यक्ति की मौत, स्कूल और पांच मेट्रो स्टेशन बंद
नई दिल्ली : सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के विरोध के नाम पर राजधानी हिंसा की आग में झुलस रही है। रविवार से शुरू हुई हिंसा में अब तक एक हेड कांस्टेबल समेत पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 100 से ज्यादा लोगों के घायल हो गए हैं। एहतियातन सरकार ने स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है, वहीं दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने 5 मेट्र्रो स्टेशन को बंद रखने का फैसला किया है। बता दें कि एक दिन पहले भी इन स्टेशनों को बंद किया गया था। बीते शनिवार रात जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के निकट बड़ी संख्या में महिला एकत्र हो गईं, जिससे वहां जाम के हालात बन गए। महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए कहा, जब तक केंद्र सरकार सीएए को रद्द नहीं कर देती, प्रदर्शनस्थल से वे नहीं हटेंगी। इसके बाद से ही बवाल शुरू हुआ। बवाल देखते-देखते हिंसा में तब्दील हो गया। शाहीनबाग के बाद अब जाफराबाद में भी हालात न केवल खराब हो रहे हैं, बल्कि हिंसा और उग्र हो रही है। दिल्ली पुलिस के उच्चाधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं और गृह मंत्रालय को पल-पल का अपडेट दे रहे हैं। वहीं दिल्ली के ब्रह्मपुरी और मौजपुर इलाके में तीसरे दिन भी पत्थरबाजी और हिंसक प्रदर्शन जारी है।
आज सुबह ही कुछ इलाकों में उपद्रवियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। मंगलवार सुबह भी हालात तनावपूर्ण है। सुबह-सुबह पांच मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया गया। मौके पर बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात है। देर रात से सुबह तक मौजपुर और उसके आस-पास इलाकों में आगजनी के 45 कॉल आए, जिसमें दमकल की एक गाड़ी पर पथराव किया गया, जबकि एक दमकल की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। तीन दमकलकर्मी घायल हुए है। गौरतलब है कि एहिताहतन जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एन्क्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके साथ ही नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के सभी स्कूल आज बंद है। धारा 144 लागू कर दी गई है। पूरे इलाके में पुलिस फोर्स की भारी तैनाती की गई है। दिल्ली से सटे दूसरे राज्यों को हाई अलर्ट कर दिया गया है। बीती रात में दिल्ली हिंसा मामले पर गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ी बैठक की। अहमदाबाद से लौटने के तुरंत बाद अमित शाह ने समीक्षा बैठक की। रात 11 बजे से डेढ़ बजे तक चली इस बैठक में गृह सचिव, इंटेलिजेंस ब्यूरो चीफ, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और गृह मंत्रालय के दूसरे अधिकारी शामिल थे।