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उत्तर प्रदेश में 84 बायो फ्यूल प्लांट लगाए जाएंगे, हर जिले में सैकड़ों लोगों को मिलेगा रोजगार

लखनऊ : गाय के गोबर व कृषि अपशिष्ट के जरिए यूपी के हर जिले में बायो-सीएनजी प्लांट लगाने की तैयारी है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने राज्य के लिए 84 परियोजनाएं तैयार की हैं। हर परियोजना यूनिट में 30-35 करोड़ का निवेश होगा। यह सब काम पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर होगा। कई चरणों की इस योजना से स्थानीय स्तर पर हर जिले में सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक इंडियन आयल कारपोरेशन ने मुख्य सचिव आरके तिवारी को अपनी योजना के संबंध में हाल में पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में कंपनी की महत्वाकांक्षी योजना है। इसमें यूपी की अहम भूमिका होगी। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी पीपीपी माडल पर यह प्लांट राज्य सरकार के सहयोग से लगवाएगी। इसमें निर्मित होने वाली बायो सीएनजी खरीदेगी। इसमें किसानों से गोबर लिया जाएगा। साथ ही किसानों के खेत में बची रह जाने वाली पराली का उपयोग होगा। चीनी मिलों से गन्ने का अपशिष्ट पदार्थ लिए जाएंगे। हर यूनिट के पास इस तरह का टनों कचरा एकत्र होगा। उसे विशेष पद्धति से बायो सीएनजी में तब्दील किया जाएगा। इस ईंधन का इस्तेमाल वाहन ईंधन के रूप में होगा। डीजल व पेट्रोल का इसे सशक्त विकल्प माना जाता है। निजी कंपनियां इस तरह के प्लांट लगाने में रुचि दिखाई है। मेरठ, हापुड़ में इस तरह की यूनिट भी लगाने का काम चल रहा है।

कुछ जिलों में एक से ज्यादा यूनिट लगेंगी। मुख्यमंत्री की पहल पर शुरू हो रही मेगा योजना: असल में बायोमास सीएनजी के चलते परंपरागत ईंधन पर निर्भरता काफी कम हो सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार इस दिशा में काफी समय से काम कर रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री केंद्रीय पेट्रोलियम धमेंद्र प्रधान से मुलाकात कर चुके हैं। अब पेट्रोलिय मंत्रालय की पहल पर इस योजना पर पेट्रोलियम कंपनी काम आगे बढ़ा रही है। इंडियन ऑयल व अन्य पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा इस तरह का बायो सीएनजी प्लांट परियोजना अन्य राज्यों में लगाने काम पहले से चल रहा है। बायो सीएनजी प्लांट में अच्छी क्वालिटी के जैविक कचरे की आपूर्ति जरूरी है।

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