टॉप न्यूज़फीचर्डराजनीतिराज्यराष्ट्रीय

अब अपने अपने विधायक संभालने में लगे हैं दोनों दल

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से जारी सियासी उठापटक के बीच अब राज्य में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी अपने विधायकों को संभालकर रखने के प्रयास में जुटे हैं।

मंगलवार देर रात भोपाल से भाजपा के एक सौ से अधिक विधायकों को विशेष विमान से दिल्ली ले जाया गया। बताया गया है कि इन सभी विधायकों को सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच दिल्ली के पास गुरूग्राम के एक बड़े होटल में ठहराया गया है। विधायकों को टूटफूट से बचाने के लिए एेसा किया जाना बताया गया है।

इस बीच सत्तारूढ दल कांग्रेस के 90 से अधिक विधायकों को भी यहां इकट्ठा किया जा रहा है। बताया गया है कि इन विधायकों को विशेष विमान से मध्यप्रदेश के बाहर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा। अभी कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक छह मंत्री और 13 विधायकों को बंगलूर के एक होटल में कथित तौर पर भाजपा के संरक्षण में रखा गया है।

ये भी पढ़े:- कांग्रेस से नाराज सिंधिया ने सोनिया गांधी को दिया इस्तीफा – Dastak Times 

मंगलवार शाम को यहां कांग्रेस विधायक दल और भाजपा विधायक दल की बैठक भी हुयीं। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और बंगलूर के विधायक भी उनके संपर्क में हैं। श्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार सदन में बहुमत साबित कर देगी।

इसके पहले बंगलूर में मौजूद 19 विधायकों के त्यागपत्र भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष एन पी प्रजापति को उनके निवास पर कल शाम सौंपे। अध्यक्ष ने इन पर नियमानुसार कदम उठाने का कहा है। दूसरी ओर पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह, कांग्रेस विधायक एेदल सिंह कंसाना और मनोज चौधरी भी अपना त्यागपत्र अपना त्यागपत्र कल ही दे चुके हैं।

राज्य विधानसभा में वर्तमान में दो सीट आगर और जौरा रिक्त रहने के कारण कुल 228 विधायक हैं। इनमें से कांग्रेस के 114, भाजपा के 107, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय हैं। कांग्रेस के 22 विधायक कल अपने त्यागपत्र सौंप चुके हैं। मुख्यमंत्री ने श्री सिंधिया समर्थक माने जाने वाले छह मंत्रियों को बर्खास्त करने के लिए पत्र पहले ही राज्यपाल को लिख दिया है। शेष मंत्री अपने त्यागपत्र मुख्यमंत्री को यह कहते हुए दे चुके हैं कि वे अपने हिसाब से मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कर लें।

इन सभी हालातों के बीच अब सभी की निगाहें वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के अगले कदम पर लगी हुयी हैं, जो इस समय दिल्ली में मौजूद हैं।

Related Articles

Back to top button