अपराधटॉप न्यूज़फीचर्डब्रेकिंगराष्ट्रीय

Nirbhaya case : मुकेश ने हाईकोर्ट में दायर की नई याचिका

नई दिल्ली। निर्भया केस के दोषी अपनी मौत की सजा को रोकने के लिए रोज नए—नए पैतरे अजमा रहे है आज मंगलवार को एक बार फिर मुकेश ने कोर्ट में नई याचिका दाखिल कर दी। जानकारी के अनुसार, दोषी पवन ने जहां सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है वहीं मुकेश ने दिल्ली हाईकोर्ट में फांसी की सजा के खिलाफ याचिका लगाई है।

अपनी याचिका में दोषी मुकेश ने अपने वकील के हवाले से दावा किया है कि वो घटना के दिन तो 17 दिसंबर को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था और घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं था। मुकेश ने इसके साथ ही तिहाड़ जेल में प्रताड़ित किए जाने का आरोप भी लगाया है।

बता दें कि इसके खबरें आई थीं कि तीनों आरोपियों ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का रुख कर अपनी फांसी पर रोक लगाने की मांग की थी। वहीं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश की दोबारा कानूनी विकल्प अपनाने की इजाजत मांगने वाली याचिका खारिज कर दी। दिल्ली की अदालत ने चारों दोषियों को फांसी देने के लिए 20 मार्च, सुबह 5.30 बजे का वक्त तय कर रखा है।

दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इस दौरान छात्रा के साथ इस कदर दरिदगी हुई थी कि बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से चारों दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं।

इस बीच, मुकेश ने वकील एमएल शर्मा के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पुरानी वकील वृंदा ग्रोवर पर आरोप लगाते हुए दोबारा क्यूरेटिव और दया याचिका दाखिल करने की इजाजत मांगी। सोमवार को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुकेश के वकील की दलीलें खारिज करते हुए याचिका ठुकरा दी। कोर्ट का रुख देखते हुए वकील ने याचिका वापस ले ली।

निर्भया कांड के बाकी तीन दोषियों विनय, पवन और अक्षय ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में अर्जी देकर 20 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। सोमवार को तीनों अभियुक्तों ने वकील एपी सिंह के जरिये हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत में याचिका दाखिल कर फांसी पर रोक लगाने की मांग की। तीनों दोषियों की ओर से दिल्ली स्थित नीदरलैंड के दूतावास में याचिका की प्रति सौंपी गई, जिसे अंतरराष्ट्रीय अदालत भेजा जाएगा।

Related Articles

Back to top button