SC ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा- उमर अब्दुल्ला की रिहाई की योजना की सूचना दें
नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट में आज जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला पर जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत उनकी हिरासत को चुनौती देने वाली एत याचिका पर सुनवाई हुई। आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से पूछा कि वह निर्देश दे कि क्या वह जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को रिहा करने की योजना बना रहा है, जिन्हें सार्वजनिक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया है। न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अपील करने वाले वकील को निर्देश देने और इसे सूचित करने के लिए कहा। अब इस मामले पर अगले हफ्ते फिर सुनवाई होगी।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत उनकी हिरासत को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया था। इस याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई।
केंद्र सरकार ने फारुख अब्दुल्ला को किया था रिहा
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल हीं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की नजरबंदी को खत्म कर दिया है। रिहा होने के बाद फारुख सबसे पहले अपने बैटे उमर अब्दुल्ला से मिले थे।
रिहाई के अगले दिन आज शनिवार को डॉ. फारूक अब्दुल्ला श्रीनगर के उपजेल में अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से मिले। आज सुबह डॉ फारूक अब्दुल्ला अपने घर से निकले और कुछ ही दूरी पर स्थित हरि निवास जिसे इन दिनों उपजेल घोषित किया गया है, में हिरासत में रखे गए उमर अब्दुल्ला से मिले। सूत्रों का कहना था कि सात महीने की हिरासत के बाद पहली बार मिले दोनों बाप-बेटा एक दूसरे को देखकर भावुक हो गए। दोनों ने एक दूसरे को गले लगा लिया।
रिहाई के बाद उमर अब्दुल्ला से मिले फारुक
82 वर्षीय डॉ फारूक अब्दुल्ला ने रिहाई के बाद जम्मू-कश्मीर प्रबंधन से बेटे उमर अब्दुल्ला से मिलने की इजाजत मांगी थी, जो मंजूर कर ली गई। बताया जा रहा है कि दोनों ने करीब एक घंटे तक एकांत में बातचीत की और उसके बाद डॉ अब्दुल्ला वापस लौट गए। डॉ अब्दुल्ला के साथ उनकी पत्नी, बेटी भी थे। उमर अब्दुल्ला, जो 2000 में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र के मंत्री थे, को भी 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से हिरासत में लिया गया है।
क्या है PSA कानून ?
बता दें कि इस कानून के तहत 6 महीने 2 साल तक शख्स को हिरासत में रखा जा सकता है। पीएसए को राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने साल 1978 में लागू किया था। तब यह कानून जंगलों के अवैध कटान में शामिल लोगों को रोकने के लिए बनाया था लेकिन बाद में इसे उन लोगों पर भी लागू किया जाने लगा था जिनसे कानून व्यवस्था को खतरा हो।