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रायबरेली के क्वारंटीन सेंटर से गायब हो रहे मरीज

लखनऊ। कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए बनाये गए क्वारंटीन सेंटर भी अब पुलिस-प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। बाहर से आये प्रवासियों को इन केंद्रों में रखा गया है लेकिन इनमें कई अब गायब हो रहे हैं। जिनसे निपटना पुलिस प्रशासन के लिए मुश्किल होता जा रहा है।

रायबरेली के कई गांवों से इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं। हालांकि शिकायत मिलने पर पुलिस इनपर सख्ती भी कर रही है। अब तक जिले भर में 19 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जिलाधकारी शुभ्रा के निर्देश पर बुधवार की देर रात नसीराबाद के थ्योरी गांव के आठ, डीह के छह व सलोन के पांच लोगों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। साथ ही पुलिस इन्हें खोजकर दोबारा इन केंद्रों पर भेज रही है।

जिलाधकारी शुभ्रा सक्सेना के निर्देश पर इस मामले में लगातार सख्ती बरती जा रही है। यहां से गायब हुए ज्यादातर लोग या तो अपने घरों में चले जाते हैं या नाते रिश्तेदारों के यहां। अजीब स्थिति यह है कि इनका पता घरवाले भी छुपाते हैं। ऊंचाहार, महराजगंज, लालगंज व सलोन से ऐसी कई शिकायतें पुलिस को मिली हैं।

महराजगंज के पुरासी गांव में रात को पांच लोग गायब हो गए। ऊंचाहार के सवैया राजे व सरेनी में भी दर्जनोे लोग क्वारन्टीन सेंटर पर रखे गए थे जोकि गुरुवार को गायब मिले। बछरांवा और सरेनी के कई गावों से इस तरह की शिकायतें मिली हैं। हालांकि प्रशासन गांव के प्रधानों से मिलकर इन्हें समझा बुझाकर इन केंद्रों पर रहने को कह रहा है। बावजूद इसके यह लापरवाही परेशानी का सबब बन गई है।

गौरतलब है कि करीब नौ हजार तीन सौ पंचानबे लोग बाहर के प्रान्तों से जिले में आये हैं जिनमें पांच हजार नौ सौ उनचास लोगों को इन क्वारंटीन सेन्टरों पर रखा गया है। जबकि तीन हजार तीन सौ छत्तीस को घरों में ही क्वारन्टीन किया जा रहा है। अब गायब हो रहे लोगों के लिए गांव पंचायत स्तर पर एक निगरानी समिति बनाई जा रही है जो प्रशासन की मदद से इन सेन्टरों पर बाहर से आये लोगों पर लगातार निगरानी करेगी।

अपर जिलाधकारी राम अभिलाष के अनुसार इस मामले में कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी को क्वारंटीन सेंटर से बाहर नहीं होने दिया जायेगा।

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