कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को आरोप लगाया है कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए पश्चिम बंगाल के लोगों को राज्य के विभिन्न हिस्से में मस्जिदों में छिपाकर रखा जा रहा है। इनमें से कुछ विदेशी लोग भी हैं। शुक्रवार को दिलीप ने सॉल्टलेक स्थित अपने आवास पर मीडिया से बात की।
उन्होंने राज्य प्रशासन से अपील की कि ऐसे लोगों को खोज कर क्वॉरेंटाइन में भेजा जाए। घोष ने दावा किया कि निजामुद्दीन के मरकज में पश्चिम बंगाल से 269 लोग गए थे। इसमें 109 विदेशी नागरिक थे तथा 160 बंगाल के रहने वाले थे। इनमें से 40 लोगों को राजारहाट के हज हाउस स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले 48 घंटे के दौरान पूरे देश में 1000 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं जिसमें से 560 लोग निजामुद्दीन के मरकज में गए थे। उन्होंने कहा कि मरकज से लौटे कई विदेशी कोलकाता की चार मस्जिदों में छिपे थे। यह चिंता का विषय है। प्रशासन को तत्काल उन्हें तलाशने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाना चाहिए। घोष ने दावा किया कि मुर्शिदाबाद के 10 छात्र भी मरकज में गए थे जिन्हें छिपा दिया गया है। हल्दिया पोर्ट के एक कर्मचारी के बारे में जिक्र करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि वह भी मरकज में गया था। तीन दिनों तक ड्यूटी किया, मस्जिद में नमाज पढ़ा और अब कोरोना संक्रमित पाया गया है।
दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आंकड़े छिपाने के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि धनियाखाली में एक युवक की जान गई है। उसकी पूरी रिपोर्ट राज्य सरकार ने छुपाकर रखी। यहां तक कि राज्य में महामारी से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या और मरने वालों की संख्या के बारे में गलत सूचना दी जा रही है। दिलीप ने कहा कि एक दिन पहले स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि सात लोग मारे गए हैं। फिर उसी दिन सचिवालय में मुख्य सचिव कहते हैं कि नहीं तीन लोग मारे गए हैं।
कौन सही कह रहा है सरकार स्पष्ट करें। अगर सबकुछ ठीक है तो फिर विरोधाभासी बयान क्यों हो रहे हैं? राज्य भर में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? कोलकाता समेत राज्यभर में लॉक डाउन के दौरान बाजारों और दुकानों में लोगों की भारी भीड़ को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़ा किया। दिलीप घोष ने पूछा कि राज्य पुलिस आखिरकार लॉक डाउन को सफल क्यों नहीं करवा पा रही है?