गीतिका विद्या ओहल्यान बनी क्रिटिक्स की पसंद
मुम्बई : प्रतिभाशाली अभिनेत्री गीतिका विद्या ने सोनी फिल्म में एक पुलिस अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका के लिए क्रिटिक्स चॉइस फिल्म अवॉर्डस जीता, जो शहर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटता है। अभिनेत्री गीतिका ने अपने सह-कलाकार के साथ विभिन्न वर्कशॉपस किये तथा अपने हावभाव पर भी काम किया. उस वर्कशॉपस में से एक भाग के रूप में उन्होंने प्यूमा को अपनी बॉडी लैंग्वेज के संदर्भ के रूप में चुना। “लगातार सतर्कता जो प्यूमा जानवर के भीतर होती है, मुझे अपने किरदार को आकार देने में मदद की ताकि वे कठोर दिखें और झपटने के लिए तैयार रहें”। अभिनेत्री ने कहा कि “जब मैं 21—22 साल की थी तो मुझे बताया गया था कि अगर आप एक अभिनेत्री बनना चाहती हैं तो फौरन मुंबई जायें, 25 से आगे आप बहुत बूढ़ी हो जाएंगी, अगर आप शादी करना चाहते हैं तो तुरंत कर लीजिये वरना 25 से आगे आप बहुत बूढ़े हो जाएंगे, मुझे खुशी है कि मुझे अपने विचार में संतुष्ट रहने का ज्ञान हैं और मैं उन लोगों का मनोरंजन करने के लिए नहीं हूं जो केवल 25 से नीचे की महिलाओं को वास्तविक जीवन में और नायिका के रूप में देखना चाहते हैं। मेरे हाथ में इस पुरस्कार के साथ मैं कामना करना चाहती हूं निर्देशकों और अभिनेताओं को स्टीरियोटाइप का मुकाबला करने के लिए हौसला मिले.” गीतिका को 75 वें वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के ओर्रीजोंटी (होराइजन्स) में सोनी फिल्म के प्रीमियर पर उनके अभूतपूर्व प्रदर्शन के लिए स्टैंडिंग ओवेशन मिला हैं।
फिल्म को 2018 में बीएफआई लंदन फिल्म फेस्टिवल, तथा मामी फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित किया गया था, और पिंग्याओ इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, क्रमशः जेंडर पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म और महोत्सव की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए ऑक्सफैम पुरस्कार जीता हैं. प्रदर्शन के दौरान गीतिका विद्या ओहल्यान को इस फिल्म के जरिये विशेष रूप से प्रशंसा मिली है। क्रिटिक्स चॉइस फिल्म अवॉर्डस के विजेताओं की घोषणा डिजिटल रूप से की गई थी। कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए और इस से निपटने के लिए यह कार्यक्रम एक वचुर्अल समारोह में बदल गया।