ट्रंप बोले- अमेरिका को अगले दो हफ्ते में और मुश्किल हालात का सामना करना पड़ेगा
दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर चरम पर है। विश्व का आर्थिक शक्तिशाली देश अमेरिका भी इस वायरस के आगे घुटने टेक चुका है। दुनियाभर में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीजों की संख्या अमेरिका में ही हैं। अमेरिका का न्यूयॉर्क राज्य इस वायरस का नया एपीसेंटर बन गया है।
इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या के तीन लाख का आंकड़ा पार करने और 8,000 से अधिक लोगों की मौत होने के मद्देनजर अमेरिकियों को आगाह किया है कि उन्हें अगले दो हफ्ते और मुश्किल हालात का सामना करना पड़ेगा।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले दो हफ्ते बहुत जानलेवा होने जा रहे हैं। हम दुर्भाग्यपूर्ण रूप से इसका सामना करने जा रहे हैं ताकि कम से कम जिंदगियां खोएं और मुझे लगता है कि हम सफल होंगे। इस संवाददाता सम्मेलन में अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस भी मौजूद रहे।
ऐसा दौर देश ने पहले कभी नहीं देखा है- ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि हम एक ऐसे दौर से गुजरने जा रहे हैं जो संभवत: इस देश में पहले न देखा गया हो। मेरा मतलब है कि मुझे नहीं लगता कि देश में हमने ऐसा वक्त कभी देखा है।पेंस ने कहा कि जांच की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी लोगों के लिए मुश्किल सप्ताह होने जा रहा है। देशभर में जांच बढ़ेगी तो मामले भी बढ़ेंगे। गौरतलब है कि कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस कार्यबल ने अगले दो महीनों में अमेरिका में एक लाख से दो लाख लोगों के मारे जाने का अनुमान जताया है।
हालांकि, अधिकारी सामाजिक दूरी और घर पर रहने समेत सख्त नियमों को लागू करके इस भयावह मंजर से बचने की उम्मीद कर रहे हैं। शनिवार की अमेरिका की तकरीबन 90 प्रतिशत आबादी अपने घरों में सिमटी रही।
न्यूयॉर्क शहर और उसके आसपास के न्यू जर्सी और कनेक्टिकट जैसे इलाके देश में कोविड-19 का केंद्र बनकर उभरे हैं। जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, अमेरिका में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर तीन लाख हो गई है और देश में 8,100 से ज्यादा लोग इस संक्रमण के कारण जान गंवा चुके हैं।
इस बीच, ट्रंप ने मीडिया समूहों से कोरोना वायरस संकट से निपटने में देश की अहम लड़ाई के दौरान झूठी अफवाहें न फैलाने का अनुरोध किया है। उन्होंने बिना किसी मीडिया संगठन का नाम लिए कहा कि हम जान बचाना चाहते हैं, हम चाहते हैं कि जितना संभव हो, उतनी कम मौतें हो। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि कुछ मीडिया संगठन झूठी अफवाहें और जनता में डर तथा घबराहट फैलाना बंद करें।