योगी के निर्देश पर पेशेंट पूलिंग का काम शुरू: अपर मुख्य सचिव गृह
लखनऊ। कोरोना वायरस के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को संयुक्त रूप से लोकभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि जिन जिलों में कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या कम है, वहां पर पेशेंट पूलिंग कर संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जाए। सीएम योगी के निर्देश पर पेशेंट पूलिंग का काम शुरू होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई जिलों में एक से दो ही कोरोना पॉजिटीव पेशेंट का इलाज किया जा रहा है। ऐसे में यह देखने में आया है कि एक दो मरीजों के लिए पूरा मेडिकल सिस्टम प्रभावित होता है। इसी कारण मंडल कमिश्नर को यह आदेश दिया गया है कि जिन जिलों में एक से दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज हो रहा हो तो उन्हें किसी एक ही बेहतर संसाधन वाले अस्पताल में शिफ्ट करा दिया जाए। जिससे मेडिकल सिस्टम का बेहतर उपयोग किया जा सके।
उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने कहा है कि लॉकडाउन की कार्रवाई सभी के सुरक्षित भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए सभी को सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर सहयोग करना चाहिए। अबतक 1257 तबलीगी जमात के लोगों को क्वारंटीन करा दिया गया है। जिसमें से 323 विदेशी हैं, इनमें 259 के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं।
प्रदेश में अब तक 314 केस, 37 जिले प्रभावित: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अबतक 314 केस सामने आए हैं। जिसके कारण 37 जिले प्रभावित हैं। 314 में से 22 पेशेंट का उपचार कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अबतक 6073 सैंपलों की जांच की गई है। जिनमें से 5595 की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। यह भी देखने में आ रहा है कि कई केसों में रिपोर्ट पॉजिटीव मिल रही है लेकिन पेशेंट में लक्षण नहीं दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे पेशेंट के ईलाज के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर नई प्रक्रिया शुरू की जा रही है। जिसके अंतर्गत सभी जिला अस्पतालों के समीप ही किसी अन्य इमारत को लिया जाएगा। इसी इमारत में ऐसे पेशेंट का ईलाज होगा, जिससे मुख्य अस्पताल पर दवाब कम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 75 प्रतिशत पेशेंट ऐसे ही हैं कि जिनमें लक्षण तो दिखाई नहीं दे रहा है लेकिन रिपोर्ट पॉजीटिव मिली है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि कोरोना मरीजों के उपचार के लिए वर्तमान में प्रदेश के अंदर 10 हजार बेड है, और नई प्रक्रिया के तहत जिला अस्पताल के समीप इमारतों को लेकर अतिरिक्त 10 हजार बेड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि 750 वेंटिलेंटर युक्त बेड हैं। हालांकि वर्तमान में कोई भी पेशेंट वेंटिलेटर पर नहीं है।