निर्माण निगम के बीस हजार श्रमिकों का ध्यान रखा जाए: केशव मौर्य
लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जनधन खाताधारकों व अन्य खाता धारकों जिनके खाते में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की ओर से पैसा गया है, से अपील किया है कि वह बैंकों से पैसा निकालते समय सोशल डेस्टेनिंग का पालन जरूर करें। जनधन खाता धारक माताओं, बहनों के खाते में 500 तात्कालिक सहायता के रूप में सरकार द्वारा भेजें गए हैं, इसी प्रकार दो किस्त और प्राप्त होंगी। जोकि खाते में जाएंगी। खाता धारक बैंकों से धनराशि आहरण मे संयम बनाये रखें,आपका पूरा पैसा आपको मिलेगा।
उन्होंने देश व प्रदेश वासियों से फिर अपील की है कि जब भी बाहर निकलें, मास्क जरूर लगाएं और लाक डाउन का पालन करें। उन्होंने बताया कि दैनिक कार्य करने वाले लोगों, मजदूरों के खाते में भी धनराशि भेजी गई है। हॉटस्पॉट एरिया व क्वारन्टाइन सेन्टरो के बारे में जो दिशा निर्देश सरकार द्वारा किये गए हैं उनका हर हाल में पालन सुनिश्चित किया जाए। इस संकट के समय केंद्र व प्रदेश सरकार पूरी मजबूती के साथ गरीबों के साथ खड़ी है। लोक निर्माण विभाग,सेतु निगम व राजकीय निर्माण निगम के प्रयासों से जन सहयोग के माध्यम से जिलों में चलाए जा रहे कम्युनिटी किचन सेंटरों में अब तक 64615 भोजन के पैकेट व 30447 पैकेट राशन सामग्री गरीबों, रोज कमाने खाने वाले लोगों, विभागों की साइटों पर काम करने वाले विभिन्न मजदूरों आदि मे वितरित किए गए है।
आज प्रदेश में लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम व राजकीय निर्माण निगम के नेतृत्व में जन सहयोग के माध्यम से चलाए जा रहे। कम्युनिटी किचन सेंटर माध्यम से 9071भोजन के पैकेट व 4834 राशन के पैकेट वितरित किए गए। मौर्य ने बताया कि लाक डाउन से पहले केवल निर्माण निगम के ही 668 कार्य चल रहे थे, जो इस समय बंद हैं। इनमें 20,000 से अधिक श्रमिक कार्य कर रहे थे।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि इन श्रमिकों के भोजन, राशन व मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करने का ध्यान रखा जाए। उन्होंने आम जनमानस से अपील की है कि हर जरूरतमंद को मदद पहुंचाने में लोग सरकार के प्रयासों मे सहयोग करे व जन जागरूकता पैदा करें। जिलों में सरकार द्वारा जिला प्रशासन व अन्य संगठनों के माध्यम से भी कम्युनिटी किचन सेंटर संचालित किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा है कि राशन वितरण में भी लोगों की मदद की जाए व ध्यान रखा जाए। मौर्य ने बताया कि प्रति यूनिट 5 किलो खाद्यान्न भारत सरकार के स्तर पर भी हर लाभार्थी को नि:शुल्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।