CRPF के डीजी ने कहा- 11 लाख जवानों को खतरे में नहीं डालेगी सरकार, घर पर ही रहने का आदेश
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के वे अधिकारी और जवान जो लॉकडाउन 1.0 से पहले छुट्टी पर गए थे, अब लॉकडाउन 2.0 में भी घर पर रहेंगे। उन्हें अभी ड्यूटी ज्वाइन करने की जरूरत नहीं है।
देश के सबसे बड़े केंद्रीय सैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ के डीजी डॉ. एपी महेश्वरी का कहना है कि हम अपने जवानों को खतरे में नहीं डाल सकते। वे जहां पर भी हैं, आगामी आदेशों तक वहीं रहें। सीआईएसएफ और दूसरे अर्धसैनिक बलों ने भी ऐसे ही आदेश जारी कर दिए हैं।
बीएसएफ ने हालांकि अपनी विशेष बसों के द्वारा जवानों को ड्यूटी पर लाने की योजना बनाई थी, लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ सकी।
बता दें कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के करीब 1.7 लाख से ज्यादा अधिकारी और जवान 21 दिनों के लॉकडाउन से पहले छुट्टी पर गए थे। जब वे वापस आने की तैयारी कर रहे थे तो कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन लागू हो गया।
सभी बलों ने अपने-अपने जवानों और अफसरों के लिए ये आदेश जारी कर दिए कि वे जहां भी हैं, वहीं पर रहें। उनकी छुट्टियां 15 अप्रैल तक बढ़ा दी गई हैं। अब लॉकडाउन 2.0 लागू हो गया है तो इस वजह से सीआरपीएफ और दूसरे बलों ने 3 मई तक जवानों को घर पर ही रहने के आदेश जारी कर दिए हैं।
सीआरपीएफ डीजी डॉ. एपी महेश्वरी के अनुसार, हम अपने जवानों को लेकर कोई खतरा नहीं उठाना चाहते। हमने भी प्रयास किया था कि ज्यादा नहीं तो कुछ जवानों को ड्यूटी पर बुला लिया जाए। इसके लिए रेल मंत्रालय के साथ भी बातचीत हुई।
हमें आसानी से ट्रेन मिल जाती, मगर उसके बाद भी कोरोना संक्रमण का भय सताता रहा। बाद में यही निर्णय लिया कि छुट्टी पर गए जवानों को अभी घर पर ही रहने दिया जाए। अगर अब किसी तरह जवानों को बुला भी लेते हैं तो उन्हें आते ही क्वारंटीन में भेजना होगा।
चूंकि अब बल के सभी अधिकारी और जवान कोरोना की लड़ाई में जुटे हैं, इसलिए अभी जवानों को वापस नहीं लाने का निर्णय लिया गया है।
एसएसबी, आईटीबीपी और सीआईएसएफ ने भी कोरोना के चलते अपने जवानों की छुट्टियां बढ़ाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक, अभी छुट्टी पर गए जवानों को वापस बुलाने का कोई औचित्य नहीं है।
अभी कोरोना का संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। छुट्टी पर गए जवानों का स्वास्थ्य कैसा है, उनके इलाके में कोरोना के कितने मरीज हैं। क्या वो इलाका कोरोना के हॉट स्पॉट में शामिल है, आदि बातें देखनी होंगी। उन्हें छुट्टी से वापस बुलाने का मतलब समस्त बल को खतरे में डालना है, इसलिए अभी घर गए जवानों को वहीं रहने की हिदायत दी जा रही है।