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चीन को कोरोना वायरस फ़ैलाने के लिए ठहराया जाना चाहिए जिम्मेदार: माइक पोम्पियो

वाशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन पर कोरोना वायरस के तथ्यों को छुपाने का आरोप लगाया। उन्होंने शनिवार को कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाली सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन्हें बताना होगा कि कैसे कोविड-19 इतनी तेजी से दुनिया में फैल गया। फॉक्स न्यूज से बात करते हुए पोम्पियो ने कहा, ‘हम सचमुच चाहते हैं कि चीनी सरकार खुलकर बात करे। उनका कहना है कि वह सहयोग करना चाहते हैं। सहयोग करने के लिए उन्हें सबसे अच्छे तरीकों में से एक यह मिल सकता है कि वह दुनिया को अपने यहां आने की इजाजत दें ताकि दुनिया के वैज्ञानिकों को वास्तव में पता चल सके कि यह कैसे हुआ और असल में यह वायरस कैसे फैलने लगा?’

उन्होंने कहा, ‘इतनी बड़ी संख्या में लोगों में यह वायरस फैलने से पहले वहां के नेतृत्व को इसके बारे में पता था। यह खतरनाक है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सामने आने से पहले बहुत सारे मामले, बहुत सारी गतिविधियां, बहुत सारे चीनी नागरिकों ने विदेश यात्रा कर ली थी। ये ऐसी चीजें हैं तो स्वतंत्र गणतंत्र देश नहीं करते हैं। यही कारण है कि यह पारदर्शिता के अभाव के साथ जुड़ा हुआ है।’

पोम्पियो का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब ट्रंप प्रशासन ने चीन पर सवाल उठाते हुए उसे जिम्मेदार ठहराए जाने की बात कही है। विशेषज्ञों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कोविड-19 के व्यापक प्रसार को लेकर जानकारी छिपाने, नष्ट करने और छेड़छाड़ करने के लिए उनकी आलोचना की है। साथ ही उनपर चुप रहकर डाटा छुपाने का आरोप लगाया है।

कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान में पिछले साल सामने आया था। यह दुनियाभर में 20 लाख से ऊपर लोगों को संक्रमित कर चुका है। कई देशों ने चीन पर कोरोना वायरस को दुनियाभर में फैलाने का आरोप लगाया है। अमेरिका की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के डाटा के अनुसार दुनियाभर में एक लाख 60 हजार लोगों कि मौत वायरस की वजह से हुई है। जिसमें एक चौथाई अमेरिका में हुई हैं।

 

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