मलेरिया दिवस आज: कैसे फैलता है मलेरिया?
(उमेश यादव) : आज विश्व मलेरिया दिवस दिवस है।यह दिवस प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन इस बात के लिए भी पहचाना जाता है कि मलेरिया के नियंत्रण हेतु किस प्रकार के वैश्विक प्रयास किए जा रहे हैं ।मच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी में हर साल कई लाख लोग जान गवाँ देते हैं।
इस विषय पर केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद के पूर्व सदस्य डॉ अनुरुद्ध वर्मा बताते है कि 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाएं जाने का उद्देश्य मलेरिया के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर दुनिया को मलेरिया से मुक्त करना है।दुनिया में प्रतिवर्ष 10 लाख से अधिक लोग मौत का शिकार हो जातें हैं और करोड़ों लोग मलेरिया बुखार से पीड़ित हो जातें हैं।भारत में भी लाखों लोग इससे बीमार हो जातें है तथा बड़ी संख्या में असमय मृत्यु को प्राप्त हो जातें हैं।डॉ अनुरुद्ध वर्मा बताते है कि उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष जनवरी से दिसंबर तक हजारों मलेरिया के रोगी पाये गये थे।
कैसे फैलता है मलेरिया रोग:
डॉ अनुरुद्ध वर्मा बताते है कि मलेरिया बुखार मादा एनोफिलेज(Anopheles)मच्छर के काटने से होता है। मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो मच्छर की लार से प्लास्मोडियम परजीवी उसके रक्त में चला जाता है जिससे वह संक्रमित हो जाता है।फिर संक्रमित व्यक्तियों का रक्त चूसने वाले मादा मच्छरों द्वारा अन्य स्वस्थ व्यक्त को काटने पर उनमें मलेरिया हो जाता है।इस तरह मलेरिया रोग की चेन बढ़ती जाती है।मलेरिया बुखार के लक्षण आने में 10 से 14 दिन का समय लगता है तथा बुखार 5 से 10 दिन तक रहता है। मलेरिया बुखार निश्चित समय के अंतराल पर आता है।
मलेरिया बुखार के लक्षण :
मलेरिया बुखार में बुखार, ठंड लगकर कंपकपी, पसीना आना, शरीर में दर्द, मिचली और उल्टी आना एवं चक्कर आने के लक्षण हो सकते हैं।
कैसे बचें मलेरिया बुखार से:
मलेरिया बुखार मच्छर से फैलता है इसलिए अपने आस पास सफाई रखें, घर के आस पास पानी ना इक्कठा होने दें, घर में खाली बोतल, नारियल का खोल, प्लास्टिक की बोतलें, टायर, कप, कूलर आदि में पानी ना एकत्र होने दें, पूरी आस्तीन एवं पैरों के कपड़े पहनें, सोने के पहले शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगा लें, मच्छर दानी लगा कर सोएं,घर के आस पास कीटनाशक का छिड़काव कराएं ।इस प्रकार की सावधानियों अपना कर मलेरिया बुखार से बचा जा सकता है।
मलेरिया से होने वाली जटिलताएं:
मलेरिया कभी कभी जानलेवा भी हो सकता है।इसकी वजह से मूर्छा, चक्कर आना, सांस फूलना, कमजोरी, खून की कमी आदि हो सकती है ।यदि मलेरिया बुखार का असर दिमाग़ पर आ जाए तो जान का खतरा भी हो सकता है।यदि यह बुखार गर्भवती महिला को होता है तो उसे ज्यादा खतरा हो सकता है तथा जन्में बच्चें का मानसिक विकास अवरुद्ध हो सकता है। इसलिए इसका तत्काल उपचार कराना चाहिए।
बचाव के लिये होम्योपैथी में दवाएं:
डॉ अनुरुद्ध वर्मा बताते है कि मलेरिया के इलाज के लिये होम्योपैथिक में भी असरदार दवाएं है। इससे बचाव के लिए मलेरिया ऑफ 200 शक्ति की होम्योपैथिक औषधि का प्रयोग चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए।होम्योपैथी में मलेरिया बुखार की अन्य तमाम कारगर औषधियां भी उपलब्ध है। जो रोगी के व्यक्तिगत लक्षणों के आधार पर चिकित्सक के सलाह पर ली जा सकती हैं।
आज भी मलेरिया की गम्भीरता को कम नही आंका जा सकता
विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर, आपको मलेरिया के प्रति जागरूक करते हुए, हम इस बात पर भी प्रकाश डालना चाहते हैं कि, मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो सैकड़ों साल से इन्सानों को अपनी गिरफ्त में लेती रही है, WHO के आंकड़े बड़े ही डरावने हैं,जिसके मुताबिक कई मिलियन मौतें,दुनिया में सिर्फ मलेरिया से होती हैं, बहरहाल इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि विश्व स्वास्थ्य समस्याओं में मलेरिया अभी भी एक गंभीर समस्या है।ये बीमारी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है, मादा एनाफिलीज मच्छर के अंदर प्लाज्मोडियम पैरासाइट होता है, जो मच्छर के काटने पर मनुष्य के खून में मिल जाता है और लाल रक्त कणिकाओं को संक्रमित कर देता है, जिसके नतीजे में मनुष्य को तेज कंपकंपी के साथ बुखार, बदन दर्द,कमर दर्द,उल्टी,सिर दर्द, कमजोरी आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
मच्छरों से बचने के लिए पूरी आस्तीन के कपड़ों का प्रयोग करें, मोज़े पहने, पतलून पहने, और रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मलेरिया बुखार के लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त सरकारी अस्पताल या नजदीक के किसी क्लीनिक पर दिखाएं।क्लोरोक्वीन या लैरियागो के नाम से मलेरिया की दवा सभी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध रहती है, लेकिन बिना चिकित्सक की सलाह के इन दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
डॉ जावेद हसन बेग
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवा
मलेरिया रोकथाम के लिये सरकारी प्रयास सराहनीय:
मलेरिया की रोकथाम के लिये सरकारी स्तर पर राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम वर्षो से चल रहा है।जिसके तहत लोगों को साफ सफाई के प्रति जागरूक किया जाता है।साथ मलेरिया से बचाव व उसके इलाज के समुचित प्रयास किये जाते है।इन सरकारी प्रयासों की वजह से ही आज बहुत हद तक मलेरिया पर रोकथाम लग पाई है।