दस्तक टाइम्स/एजेंसी : मां दुर्गा के पूजन में प्रयुक्त सामग्री आैर परंपराआें के पीछे कर्इ गूढ़ रहस्य छिपे हैं। ये परंपराएं अौर पूजन की विधियां बहुत प्राचीन काल से प्रचलित हैं। मां भगवती के कुछ विशेष नाम भी हैं। इन नामों के पीछे कर्इ पौराणिक कथाएं हैं। जानिए मां जगदंबा से जुड़े दो रहस्य..
मुंड का नाश कर देवी बनीं मुंडेश्वरी- मां मुंडेश्वरी का मंदिर बिहार में है। चंड-मुंड असुरों में से मुंड का नाश देवी ने यहीं किया था, इसलिए उन्हें मुंडेश्वरी कहते हैं। यहां बलि चढ़ाने की परंपरा है लेकिन जब बकरे को माता की मूर्ति के सामने लाया जाता है तो पुजारी अक्षत को देवी से स्पर्श कराकर बकरे पर फेंकते हैं। बकरा उसी क्षण अचेत हो जाता है। थोड़ी देर में अक्षत फिर फेंकने पर बकरा उठ जाता है और उसे मुक्त कर दिया जाता है।
पूजा में कर्पूर का महत्व- मान्यता है कि कर्पूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। कर्पूर अति सुगंधित पदार्थ है। वैज्ञानिक शोधों के अनुसार इसकी सुगंध से जीवाणु और विषाणु आदि बीमारी फैलाने वाले जीव नष्ट होते हैं जिससे वातावरण शुद्ध होकर रोगों का भय नहीं रहता। इसलिए धार्मिक कार्यों में कर्पूर का विशेष महत्व बताया गया है।