मंडी व्यापारियों के 183 लाइसेंस निरस्त, 481 को कारण बताओ नोटिस
नियमों का पालन न करने पर बड़ी संख्या में हुयी कार्रवाई, 90 मामलों में एफआईआर भी दर्ज
लखनऊ: सरकार किसानों खेती बॉडी से जुड़े लोगों की सुरक्षा के मामले पर बेहद सख्त है, इस मामले में लापरवाही बरतने वालों को सरकार बिलकुल छूट नहीं दे रही है। फसलों का समय होने से किसान मंडी में है और मंडी की व्यवस्थाएं वहां कारोबार करने वाले व्यापारियों और आढ़तियों के हवाले है। किसानों को मण्डियों में आने जाने में कोई बाधा न हो इसके लिए मण्डियों में सैनिटाईजेशन की समुचित व्यवस्था की गयी है ।प्रवेश द्वारों पर हाथ धोने, मण्डियों में प्रवेश से पहले मास्क पहनने तथा मण्डियों में व्यापार के समय सोशल डिस्टेन्सिंग मानकों का पालन करने के लिए समुचित व्यवस्थाएं की गयी हैं।
मंडी समितियों में लागू की गयी इन व्यवस्थाओं का सामान्यतः सभी व्यापारियों एवं अन्य द्वारा अनुपालन किया जा रहा है परन्तु प्रदेश स्तर पर ऐसे प्रकरणों में कार्यवाही भी की गयी है, जिसमें मण्डी के लाईसेन्सधारकों द्वारा लॉक डाउन के निर्देशों के विपरीत सुरक्षित प्रकार से व्यापार नहीं किया गया अथवा सोशल डिस्टेन्सिंग के मानकों का पालन नहीं किया गया। प्रदेश में कुल 251 मण्डियाँ है और लॉक डाउन अवधि में आवश्यक सेवाओं में सम्मिलित होने के कारण सभी फल-सब्जी एवं खाद्यान्न की मण्डियाँ नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। प्रदेश की मण्डियों में नये गेहूँ की आवक भी बहुतायत में प्राप्त हो रही है।
लापरवाह व्यापारियों पर 90 एफआईआर दर्ज की गईं
प्रदेश के निदेशक मण्डी परिषद जितेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि लॉक डाउन के उल्लंघन में प्रदेश स्तर पर गत एक माह में कुल 90 एफआईआर दर्ज की गयी हैं जिसमें अधिकतम अलीगढ़ सम्भाग में 30 प्रकरण और मुरादाबाद सम्भाग में 20 एफआईआर, धारा 188 आईपीसी आदि के उल्लंघन में दर्ज हुई है।
20,60,544लाख रुपये का अर्थदण्ड भी वसूला
इसी प्रकार से प्रदेश स्तर पर कुल 183 लाईसेन्स निलम्बित अथवा निरस्त किये गये और 481 लाईसेन्स धारकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रदेश स्तर पर अनेक मण्डियों में लाईसेन्सधारियों से लॉक डाउन के दौरान मण्डी के प्राविधानों के उल्लंघन के लिए कुल 20,60,544लाख रुपये का अर्थदण्ड भी वसूला गया है।