मंगलवार को शुभ फल देते हैं ये कार्य, जानिए संपूर्ण पंचांग
दस्तक टाइम्स/एजेंसी : 20 अक्टूबर 2015 को मंगलवार है। इस दिन शुभ वि.सं.: 2072, संवत्सर नाम: कीलक, अयन: दक्षिण,
शाके: 1937, हिजरी: 1437, मु. मास: मुहर्रम-6, ऋतु: शरद्, मास: आश्विन, पक्ष: शुक्ल है।
शुभ तिथि
सप्तमी भद्रा संज्ञक तिथि दोपहर बाद 2.23 तक, तदन्तर अष्टमी जया संज्ञक तिथि रहेगी। सप्तमी तिथि में यथाआवश्यक समस्त शुभ व मांगलिक कार्य, विवाह, जनेऊ, प्रतिष्ठा, गीत-संगीत-नृत्य कलादि कार्य, यात्रा, प्रवेश, वास्तु शान्ति, क्रय-विक्रय और वस्त्रालंकार आदि विषयक कार्य शुभ व सफल सिद्ध होते हैं।
अष्टमी जया संज्ञक तिथि में लेखन, मनोविनोद व मनोरंजन के कार्य, अभिनय, विवाह, वधू-प्रवेश, प्रतिष्ठा, रत्नालंकार, युद्ध, शस्त्रधारण व वास्तुकर्म आदि कार्य सिद्ध होते हैं। सप्तमी तिथि में जन्मा जातक सामान्यत: धनी, प्रतिभाशाली, कलाकार, सुन्दर, मान-सम्मान पाने वाला, सदाचारी व दृढ़व्रती होता है।
नक्षत्र
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र दोपहर बाद 2.34 तक, तदुपरान्त उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में बावड़ी, कुआं, कृषि, विग्रह, साहसिक व कठिन कार्य, पेड़ काटना आदि कार्य सिद्ध होते हैं।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में विवाहादि मांगलिक कार्यों सहित देवस्थापन, विभूषित करना, गृहारम्भ, यात्रा, प्रवेश, विपणि-व्यापारारम्भ, रत्न व वस्त्रालंकार आदि कार्य शुभ होते हैं।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मा जातक सामान्यत: बुद्धिमान, परोपकारी, सबका मित्र, सभी कार्यों में होशियार, सर्वप्रिय, उदार, स्वाभिमानी, शत्रुहंता, कार्यकुशल और यशस्वी होता है। इनका भाग्योदय लगभग 28वें वर्ष में होता है।
योग
सुकर्मा नामक योग रात्रि 9.25 तक, तदन्तर धृति नामक योग रहेगा। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं।
विशिष्ट योग
सूर्योदय से दोपहर 2.23 तक राजयोग नामक शुभ योग रहेगा। राजयोग में सभी प्रकार के धार्मिक व मांगलिक कार्य शुभ रहते हैं।
करण
वणिज नाम करण दोपहर बाद 2.23 तक, तदुपरान्त रात्रि 2.01 तक भद्रा रहेगी। भद्रा में शुभ व मांगलिक कार्य निन्दनीय है। रात्रि 2.01 के बाद बवादि करण रहेंगे।
चंद्रमा
रात्रि 8.34 तक धनु राशि में, इसके बाद मकर राशि में रहेगा।
व्रतोत्सव
मंगलवार को महासप्तमी, त्रिदिनात्मक दुर्गा पूजन प्रारम्भ (बंगाल में), सरस्वती बलिदान दोपहर बाद 2.34 पश्चात्, अन्नपूर्णा परिक्रमा प्रारम्भ दोपहर बाद 2.23 से, दशहरा उत्सव मेला 3 दिन का प्रारम्भ कोटा (राज. में), विश्व एकता दिवस तथा गुरु हरिराय पुण्य दिवस (नवीन मत से) है।
शुभ मुहूर्त
उक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार मंगलवार को किसी शुभ व मांगलिक कार्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं हैं।
वारकृत्य कार्य
मंगलवार को सामान्यत: उग्र व असद् कार्य, साहसिक कार्य, संधि-विच्छेद, खान, धातु सोना, मूंगा आदि विषयक कार्य सिद्ध होते हैं।
दिशाशूल
मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। अतिआवश्यकता में कुछ गुड़ खाकर उत्तर दिशा की यात्रा की आेर प्रस्थान करना ठीक रहेगा। चन्द्र स्थिति के अनुसार पूर्व दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी।