‘लोकल के लिए वोकल’ बने हर भारतवासी: प्रधानमंत्री
नए नियमों वाला होगा लॉकडाउन फोर: नरेन्द्र मोदी
नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन का तीसरा चरण अपने अंतिम पड़ाव पर है, मगर कोरोना वायरस का संक्रमण देश में अब भी फैलता ही जा रहा है। 17 मई को लॉकडाउन-3 की मियाद पूरी हो रही है, ऐसे में सबकी निगाहें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आज के संबोधन पर टिकी थीं। शाम आठ बजते ही प्रधानमंत्री देश के नाम सन्देश लेकर जनता के सामने आये। सन्देश में मुख्य रूप से दो बातें शामिल थीं, पहला देश के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पॅकेज का ऐलान और दूसरा स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने की जनता से अपील, उन्होंने कहा कि हर भारत वासी आज से लोकल का वोकल ब्रांड अम्बेस्डर बने, यह समय की मांग है।
प्रधानमंत्री ने 17 मई के बाद की स्थति का भी इशारा किया, उन्होंने कहा कि लॉकडाउन चार पूरी तरह नए रूप-रंग वाला और साथ ही नए नियमों वाला होगा। मोदी ने इस सम्बन्ध में राज्यों के मुख्यमंत्रीगण से हुयी चर्चा के बारे में भी बताया। पीएम की बात से ऐसा माना जा रहा है कि १७ मई के बाद भी लॉकडाउन जारी रह सकता है परन्तु उसमे ढेर सारे काम-काज की छूट मिलेगी और सरकार की तरफ से भी जरूरतमंद लोगों की मदद के कई नए ऐलान हजाना संभव हैं।
आपदा के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना माहमारी से उपजी आपदा से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है, यह भारत की जीडीपी के लगभग 10 फीसदी के बराबर है। यह राशि आपदा के लिए जारी पिछला धन और नए जारी पैैकेज को मिलाकर है । प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी बाद में दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति और हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के उस मध्यम वर्ग के लिए है जो ईमानदारी से टैक्स देता है और देश के विकास में अपना योगदान देता है।
हमने आपदा को अवसर में बदल दिया
मोदी ने कहा कि कोरोना से हमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ा आपदा भारत के लिए कई संदेश और एक अवसर लेकर आई है। उन्होंने कहा कि मैं एक उदाहरण के साथ बताना चाहता हूं कि जब कोरोना संकट शुरू हुआ तो भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी न ही एन 95 मास्क का कोई विशेष उत्पादन होता था। लेकिन आज स्थिति ये है कि भारत में ही 2 लाख पीपीई किट और 2 लाख एन-95 मास्क प्रतिदिन बनाए जा रहे हैं। हम ऐसा इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि आपदा को हमने अवसर में बदल दिया है।