दस्तक टाइम्स/एजेंसी- नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने उत्तर भारतीयों को लेकर एक एक विवादित टिप्पणी कर दी है. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली के एक पूर्व उपराज्यपाल के इस बयान से सहमत हैं कि उत्तर भारतीय ‘नियम तोड़ने में गर्व महसूस करते हैं और उन्हें ऐसा करके मजा आता है.’ साथ ही उन्होंने केजरीवाल को लेकर भी टिप्पणी की थी.
रिजिजू की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश को अलग-अलग टुकड़ों में मत बांटिए. उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘रिजिजू जी, कृपया देश को उत्तर-दक्षिण, हिंदू-मुस्लिम में मत बांटिए. सभी भारतीय अच्छे हैं. यह राजनीति है जिसे हमें सुधारने की जरूरत है. ‘
Rijiju ji, pl don’t divide Indians into North n south Indians, Hindus n muslims. All Indians r good. It is politics that we need to improve
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 22, 2015
रिजिजू ने पुलिस से संबंधित विषयों पर एक थिंक टैंक के उद्घाटन समारोह में अपने भाषण के दौरान कहा, ‘मैं दिल्ली के एक उपराज्यपाल के कुछ साल पुराने बयान का गवाह हूं. उन्होंने कहा था कि उत्तर भारत के लोगों को नियम तोड़ने में मजा आता है लेकिन शाम तक उन्हें माफी मांगने को मजबूर होना पड़ा था.’
2008 में तेजेंद्र खन्ना ने दिया था बयान
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘लेकिन मुझे लगता है कि जो उन्होंने कहा था वह सही था.’ रिजिजू ने हालांकि उपराज्यपाल का नाम नहीं लिया लेकिन डॉक्यूमेंट बताते हैं कि दिल्ली के तत्कालीन उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना ने फरवरी 2008 में टिप्पणी की थी, ‘यह उत्तर और पश्चिम भारत की विशेषता है कि लोगों को कानून का उल्लंघन करने और यह शेखी मारने में सम्मान और गर्व का एहसास होता है कि इसके लिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.’
हालांकि कांग्रेस और बीजेपी के विरोध के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था. रिजिजू ने कहा कि यहां लोगों को यह शेखी बघारने में मजा आता है कि उन्होंने एक पुलिस अधिकारी को धमकाया. उन्होंने यह भी कहा कि हर चीज के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है.
‘पुलिस को डंडा चलाना ही पड़ेगा’
रिजिजू ने कहा, ‘कई लोग कहते हैं कि पुलिस बहुत अशिष्ट हो गई है. पुलिस केवल तब अशिष्ट होगी अगर नागरिक अनुशासनहीन होंगे. अगर लोग अनुशासित होंगे, तो पुलिस अशिष्ट नहीं होगी. लेकिन आमतौर पर कहा जाता है कि जब तक आप उन्हें डंडे से नहीं पीटेंगे, लोग नहीं सुनते.’ उन्होंने कहा, ‘यहां तो बोलते हैं कि डंडा जब तक नहीं देगा तो लोग सुधरते नहीं हैं. लेकिन अगर लोग ठीक नहीं हैं, अनुशासनहीन हैं, दस बार बोलने के बाद नहीं मानते हैं तो फिर तो डंडा तो चलाना ही पड़ेगा.’
‘पहले खुद सुधरें फिर दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाएं…’
नियम-कायदे तोड़ने में गर्व महसूस करते हैं और उन्हें ऐसा करके मजा आता है मंत्री की टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ‘सबसे भ्रष्ट’ है. उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल कहते रहते हैं कि दिल्ली पुलिस ये नहीं करती, वो नहीं करती, लेकिन अगर वह खुद नहीं सुधरेंगे तो पुलिस क्या करेगी.’ पुलिस का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि कहीं भी किसी भी घटना या अपराध के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराना आसान होता है लेकिन खाकी वर्दी वाले ही रातभर जागकर शांति और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करते हैं.
रिजिजू ने कहा, ‘पुलिस को गाली देकर समाज नहीं सुधरेगा. एक घटना पुलिस बल को भ्रष्ट नहीं बना सकती.’ उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्पीडन के बारे में मीडिया में बार बार खबरें आना मंत्री के रूप में बहुत ‘परेशान करने वाला’ और ‘हताश करने वाला’ है.