इधर हरीश रावत पर हमलावर हुई प्रदेश भाजपा भी बैकफुट पर आ गई है। उमा भारती के इस बयान को लेकर प्रदेश भाजपा नेताओं ने आज केंद्रीय नेतृत्व को फैक्स भेजकर इस असहजता के बारे में जानकारी भी दी है।
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के तरकश में कांग्रेस के खिलाफ जो तीर हैं उनमें आपदा राहत व केदारनाथ पुनर्निर्माण में हुआ घोटाला प्रमुख अस्त्र के तौर पर रखा है। इसी मुद्दे पर भाजपा 2013 के बाद से लगातार आंदोलन कर रही है। इस मामले को लेकर भाजपा ने कई बार विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी।
क्योंकि भाजपा सीएम को कटघरे में खड़ा कर रही है और उमा भारती ने सीएम को बरी कर दिया। इत्तेफ़ाक यह है कि बुधवार को भाजपा के प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष व सांसदगण केंद्रीय गृहमंत्री से जिन दो मामलों की सीबीआई जांच को लेकर मिले उनमें से एक आपदा घोटाला भी है।
और, मंगलवार को उमा भारती ने सरकार की पीठ थपथपा दी। इधर, प्रदेश के नेता खुलकर तो नहीं बोले, लेकिन असहज जरूर दिखे। क्योंकि केदारनाथ में हुए कार्यों को लेकर आरटीआई के तहत भाजपा के वरिष्ठ नेता जानकारी जुटाकर सरकार पर हमला कर रहे थे।
सूत्रों की माने तो अखबरों में छपी खबरों के फैक्स कई नेताओं ने दिल्ली भेजकर नाराजगी जाहिर की है। क्योंकि यदि भाजपा नेता ही हरीश रावत के कार्यों की तारीफ करेंगे तो फिर विधानसभा चुनाव में सरकार को किस मुंह से कोसेंगे।