कोरोना में मीडिया की भूमिका पर आर्यकुल पत्रकारिता विभाग में वेबिनार
वरिष्ठ पत्रकार प्रांशु मिश्रा ने किया सम्बोधित
लखनऊ : बिजनौर स्थित आर्यकुल कॉलेज ऑफ एजुकेशन के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा लाइव वेबिनार का आयोजन किया। यह वेबिनार सीएनएन आईबीएन न्यूज 18 उत्तर प्रदेश के प्रभारी प्रांशु मिश्रा द्वारा वर्तमान कोरोना के हालात में पत्रकार की जिम्मेदारियां व चुनौतियां विषय पर आयोजित किया गया।
कोरोना जैसी महामारी के चलते जहाँ एक तरफ पूरा विश्व इस समस्या से पीड़ित है वही दूसरी ओर मीडिया इसमें अपनी एक अहम् भूमिका निभाता नजर आ रहा है आज जहाँ सभी लोग घरों में सुरक्षित है वही मीडियाकर्मी लोगों को जागरूक करने में लगे हुए है।
श्री मिश्रा ने कहा कि इस महामारी में सबसे बड़ी समस्या और चुनौती इस बात की थी जो लोग आवश्यक सेवाओं से जुड़े हुए हैं वह कैसे देश की सेवा करें क्योंकि उनको भी इस बीमारी से अंदर से एक डर सा लग रहा था। इन कारणों को मीडिया ने भलीभांति समझा और समाज को सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडॉउन जैसे महत्वपूर्ण नियमों से जागरूक करके अपनी अमह भूमिका निभाई जिससे समाज में इस महामारी के प्रति लड़ने में एक नयी दिशा देने का काम किया। इसके साथ ही सभी न्यूज चैनलों द्वारा लगातार हाथ धोन और माक्स लगाने के लिए लगातार जागरूक किया गया जो कि मीडिया की अहम भूमिका दर्शाता है।
श्री मिश्रा ने मजदूरों के पलायन की खबर को मुख्य रूप से दर्शाने और इन लोगों को खाने के साथ घरों तक जाने की सुविधा उपलब्ध कराने में एक अहम जिम्मेदारी का कार्य किया। क्योंकि खबरों से सरकार को समाज के हर स्तर की खबर का पता चलता रहा। जिससे सरकार इन समस्याओं को दूर करने के लिए तत्परता के साथ काम करती रही। श्री मिश्रा ने कहा कि उस दिन का समय है जब मीडिया द्वारा दिल्ली बॉडर पर पैदल ही पलायन करने की खबर दिखाई थी पर आज का दिन है सरकार द्वारा लगातार पलायन करने वालों समाज के उस वर्ग के लिए बस,ट्रेन और खाने की सभी सुविधांए उपलब्ध करायी जा रही है। इसका मतलब है कि सरकार भी मीडिया की दिखाई खबरों का संज्ञान लेकर उचित कार्य करती है। उन्होंने मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं की बात बताते हुए कहा कि जब अचानक से लॉकडॉउन कर दिया गया हो हमारी कुछ जिम्मेदार मीडिया ने उस लॉकडॉउन से प्रभावित लोगों की खबरों को प्रमुखता नहीं दी जिससे कि बहुत से लोग आज भी फंसे ही हुए हैं। अगर मीडिया द्वारा इस बात पर जोर दिया जाता तो सरकार द्वारा इन समस्याओं पर जरूरी कदम उठाए जाते।
श्री मिश्रा ने कहा कि इस तरह की महामारी भारत में 102 वर्ष बाद आयी जबकि वो दौर था जब संचार साधानों की कमी थी उस दौर की पत्रकारिता और आज की पत्रकारिता में बहुत अंदर था, उन्होंने याद दिलया कि आकड़े बताते हैं कि समय भी हजारों लोगों की जान गयी और आर्थिक रूप से बहुत ही नुकसान हुआ था पर आज की तरह कोई दिखाने वाला नहीं था। इस तरह से अगर देखा जाए तो सिर्फ कोरोना जैसी महामारी में ही नहीं बल्कि प्रत्येक स्थिति में मीडिया की समाज के प्रति जिम्मेदारी होती है और काम करने में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। वेबिनार में कालेज से प्रबंध निदेशक सशक्त सिंह ने मीडिया को समाज का दर्पण बताते हुए कहा कि इस कोरोना काल में मीडिया का काम बहुत ही प्रशंसनीय है जिसके लिए मीडियाकर्मी बधाई के पात्र है। वेबिनार का संचालन और संयोजन कुमारी नेहा द्वारा किया गया जिसमें पूजा पाठक,अब्दुल रब खान,प्रिया गौड़, आरती भट्ट,अर्चना कश्यप, अर्पिता नाथ, डॉ.अजय के साथ पत्रकारिता विभाग के समस्त छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।