जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ US में विरोध प्रदर्शन जारी, वाशिंगटन डीसी के मेयर भी हुए शामिल
वाशिंगटन, एजेंसी। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ अमेरिका में विरोध प्रदर्शन 12वें दिन भी जारी रहा। द हिल में एक रिपोर्ट के अनुसार, सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने शनिवार की दोपहर लिंकन मेमोरियल के आसपास एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया। यहां जमा प्रदर्शनकारी फ्लॉयड का नाम लेकर पुलिस की बर्बरता को समाप्त करने का आह्वान कर रही थी।
वाशिंगटन डीसी के मेयर मुरील बोसेर भी प्रदर्शन में शामिल
इस बीच सीएनएन ने बताया कि उत्तरी कैरोलिना के रायफोर्ड में शनिवार को जनप्रतिनिधियों ने और उनके परिवार के सदस्यों ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का शोक मनाया। वाशिंगटन डीसी के मेयर मुरील बोसेर ने शनिवार को देश की राजधानी में हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हुए। स्पुतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, सैन फ्रांसिस्को में गोल्डन गेट ब्रिज के पार हजारों प्रदर्शनकारियों ने हाथ में पुलिस क्रूरता के खिलाफ पोस्टर लिए जमकर नारेबाजी की। फीनिक्स के पुलिस प्रमुख जेरी विलियम्स ने प्रदर्शनकारियों से शांति रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग उनकी मांगों को लेकर काफी गंभीर है और उसकी सुनवाई जारी है।
रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों ने खारिज की ट्रंप की सेना उतारने की धमकी
रिपब्लिक और डेमोक्रेटिक पार्टियों के गवर्नर और मेयर ने ट्रंप द्वारा सेना उतारने की धमकी को खारिज कर दिया है। कुछ ने जहां इसे अनावश्यक बताया है, वहीं कुछ ने सरकार द्वारा इसे लागू करने के वैधानिक अधिकारों पर सवाल किया है। कुछ मेयर और गवर्नर ऐसे भी हैं, जिन्होंने चेतावनी दी है कि इससे हालात और खराब होंगे। व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि राष्ट्रपति सेना उतारने के मुद्दे पर कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं। उनका मुख्य मकसद यह है कि ज्यादा से ज्यादा प्रांतों के गवर्नर नेशनल गार्ड के जवान तैनात करें।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही शुरू हुआ बवाल
अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद अमेरिकी राज्यों में हिंसात्मक प्रदर्शन का दौर जारी है। इस प्रदर्शन में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है। चार हजार अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है और अरबों डॉलर की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। यहां तक कि व्हाइट हाउस के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन के कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बंकर में जाना पड़ा। बता दें कि 25 मई को जॉर्ज फ्लॉयड को जब पुलिस ने पकड़ा, तो उन्होंने कहा कि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई। बाद में यह वीडियो पूरे अमेरिका में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में पुलिस अधिकारी को घुटने से आठ मिनट तक जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन दबाते हुए देखा गया। पुलिस का कहना था कि जॉर्ज ने गिरफ्तारी का शारीरिक रूप से विरोध किया, इसके बाद बल प्रयोग किया गया। फ्लॉयड की मौत की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और मिनियापोलिस में 25 मई के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए।