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राहुल गांधी बोले- चीनी हमारी सीमा में दाखिल हो गए और PM मोदी अभी भी खामोश हैं

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से जारी गतिरोध को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं। सरकार के जवाब के बावजूद उनके सुर नरम नहीं पड़े हैं। वे सरकार से स्थिति को स्पष्ट करने और यह बताने को कह रहे हैं कि चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए या नहीं।

इसी बीच बुधवार को उन्होंने दावा किया कि चीन के सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल हो गए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खामोश हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘लद्दाख में चीनी हमारे क्षेत्र में दाखिल हो गए। इस बीच, प्रधानमंत्री पूरी तरह खामोश हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे।’
गौरतलब है कि भारत और चीन की सेनाओं ने सीमा पर गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान के अपने संकल्प को प्रदर्शित करते हुए पूर्वी लद्दाख के कुछ गश्त बिंदुओं से ‘सांकेतिक वापसी’ के तौर पर अपने सैनिकों को वापस बुलाया है। वहीं, इस मुद्दे पर दोनों पक्ष बुधवार को एक और दौर की मेजर जनरल स्तर की वार्ता करने वाले हैं।

भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पेगोंग त्सो इलाके में पांच मई को हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद से दोनों पक्ष वहां आमने-सामने थे और गतिरोध बरकरार था। यह 2017 के दोकलम घटनाक्रम के बाद सबसे बड़ा सैन्य गतिरोध बन गया था।

सीमा की हकीकत सबको है मालूम
आठ जून को राहुल गांधी ने अमित शाह के बयान पर तंज कसते हुए ट्वीट किया था, ‘सब को मालूम है ‘सीमा’ की हकीकत लेकिन, दिल को खुश रखने को, ‘शाह-यद’ ये ख्याल अच्छा है।’ इसका जवाब देते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि मिर्जा गालिब का ही शेर थोड़ा अलग अंदाज में है। ‘हाथ’ में दर्द हो तो दवा कीजै, ‘हाथ’ ही जब दर्द हो तो क्या कीजै.. इसके बाद राजनाथ की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए राहुल ने कहा था कि रक्षा मंत्री का हाथ पर टिप्पणी करना खत्म हो जाए, तो वह इस सवाल का जवाब दे सकते हैं- क्या लद्दाख में चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा किया है?

राहुल गांधी के बयान पर सेनानिवृत्त जनरल का जवाब
राहुल गांधी के बयान पर सेनानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह का कहना है कि एक समझदार व्यक्ति इस तरह के बयान नहीं दे सकता है। सेनानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, ‘उन्हें ऐसे सवाल नहीं करने चाहिए कि सरकार क्या कर रही है क्योंकि ये चीजें गुप्त हैं और इन्हें उजागर नहीं किया जा सकता है। उन्हें सरकार का समर्थन करना चाहिए था। एक समझदार व्यक्ति इस तरह का बयान कभी नहीं दे सकता।’

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