PM मोदी ने काशी के लिए बताईं परियोजनाएं, ये हैं सपनों के शहर के लिए मेगा प्लान…
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व के पुरातन शहर काशी की विरासत को संरक्षित करने और उसे आधुनिक शहरों की श्रेणी में शामिल करने के अभियान को जारी रखना चाहते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि काशी को उन अग्रणी शहरों में से एक बनाया जाए, जो अत्याधुनिक रेल, सड़क, पानी और हवाई संपर्क वाले हैं।
काशी विश्वनाथ धाम के मंदिरों को संरक्षित करने के लिए विशेषज्ञों की राय लेने और परिसर में यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पर्यटन गाइड के साथ एक मार्ग मानचित्र तैयार करने का भी निर्देश दिया। करीब ढाई घंटे की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वाराणसी से हल्दिया को जोड़ने वाले राष्ट्रीय जलमार्ग का एक बड़ा केंद्र बनारस में बनाया जाए।
इसके लिए पूरे इको-सिस्टम, कार्गो शिपिंग और माल ढुलाई के विकास के लिए योजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार और आधुनिकीकरण कार्यों को प्राथमिकता पर पूरा करने का निर्देश दिया।
मंदिरों को सुरक्षित और संरक्षित करने का निर्देश
काशी विश्वनाथ धाम के ड्रोन आधारित प्रस्तुतीकरण के बाद पीएम मोदी ने निर्देश दिया कि ऐसे सभी पुराने मंदिर जो काशी विश्वनाथ परिषद के विकास के दौरान नहीं मिले थे, उन्हें सुरक्षित और संरक्षित किया जाना चाहिए। उनकी ऐतिहासिक और स्थापत्य विरासत को बनाए रखने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जानी चाहिए।
कार्बन डेटिंग पर काम करें ताकि इन मंदिरों और उनके महत्व को पर्यटकों और तीर्थयात्रियों तक पहुंचाया जाए। काशी में पर्यटन और यात्रा के फुट प्रिंट को बढ़ाने के लिए उन्होंने आधुनिक संसाधनों की मदद की सलाह दी।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक मानकों को अपनाएं
पीएम ने कहा कि क्रूज पर्यटन, लाइट एंड साउंड शो, खिड़किया और दशाश्वमेध घाटों का कायाकल्प, ऑडियो-वीडियो के माध्यम से गंगा आरती का प्रदर्शन किया जाना चाहिए। विश्व धरोहर के प्रमुख भंडार के रूप काशी की भूमिका को बढ़ावा देने और प्रचार करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता और उसके सभी मापदंडों में उत्कृष्टता का निर्देश दिया। ओडीएफ प्लस के तहत यंत्रीकृत व्यापक सफाई हो। डोर-टू-डोर कचरा संग्रह सहित अन्य प्रयासों से वातावरण को बहुत सकारात्मक और स्वस्थ बनाने की सलाह दी।