बीमारी को लेकर मन में संदेह है तो ऑनलाइन लें डाक्टरी सलाह
इन सवालों के जवाब के लिए मरीज व उसके परिजन दर-दर की ठोकरे खाते हैं, लेकिन फिर भी कोई संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं मिलता। रुपये तो खर्च होते हैं साथ ही समय भी बरबाद होता।
ऐसे उलझनों को दूर करने के लिए लोगों को किसी भी हास्पिटल के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। मरीज अपने रोग संबंधी सलाह डाक्टर से ऑनलाइन ले सकेंगे। मेडिमिंट (www.medimint.com) नामक वेबसाइट ने अपने साथ पीजीआई के रिटायर्ड प्रोफेसर और अन्य डाक्टरों को जोड़ा है।
इसमें मरीज को ऑनलाइन अपनी रिपोर्ट अपलोड करनी होगी। उसके बाद 72 घंटे के भीतर डाक्टर मरीज को बता देंगे कि उन्हें क्या करना चाहिए। हालांकि डाक्टरों ने इसके लिए कुछ फीस भी रखी है, लेकिन कुछ डाक्टर फ्री में ही सलाह देंगे।
हेल्थ केयर जनरल बीएमजे क्वालिटी एंड सेफ्टी में प्रकाशित एक स्टडी बताती है कि हर साल यूएस में 12 लाख लोगों के गलत टेस्ट होते हैं। मरीजों को मिसगाइड कर उन्हें गलत सलाह दी जाती है। हालांकि भारत में फिलहाल ऐसी कोई स्टडी नहीं हुई, लेकिन डाक्टरों का अनुभव बताता है कि भारत में भी ओवर सर्जरी की जा रही हैं। पीजीआई के रिटायर्ड प्रोफेसर व पदमश्री आमोद गुप्ता मानते हैं कि कई केसों में अनावश्यक सर्जरी की
ओवर ट्रीटमें दिया जाता है। मान लीजिए किसी को दूसरे डाक्टर से सलाह देना है तो उसके लिए फिर से लंबा इंतजार करना पड़ता है। नए सिरे से टेस्ट होते हैं। ऐसे में यह नया ट्रेंड बेशक मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होगा। पंचकूला के जाने-पहचाने कोलेरेक्टल सर्जन डा. पंकज गर्ग बताते हैं कि यदि किसी मरीज को रिपोर्ट पर संदेह है और वह दूसरे राय लेना चाहता है तो उसे फायदा ही मिलेगा।
प्रोफेसर अमोद गुप्ता मुफ्त में सलाह देंगे
वेबसाइट से जुड़े डाक्टरों में पीजीआई के रिटायर्ड प्रोफेसर डा. आमोद गुप्ता, डा. एसके जिंदल, डा. विनय सखूजा, डा. विजय कुमार कक सहित अन्य प्राइवेट डाक्टर जुड़े। हर डाक्टर की फीस 500 रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तय की गई है, लेकिन डा. आमोद गुप्ता ने कोई भी फीस तय नहीं की है।
वे वेबसाइट के जरिए मुफ्त में ही परामर्श देंगे। हालांकि उनका कहना है कि इस व्यवस्था में मरीज का फिजिकल एग्जामिन नहीं कर पाएंगे। वे सिर्फ डाक्यूमेंट के आधार पर ही परामर्श दे पाएंगे। हो सकता है कि भविष्य में अप्वाइंटमेंट की व्यवस्था भी की जाए।
क्या मिल पाएंगे मरीज को अनुभवी डाक्टर: दूसरी बार राय लेने के दौरान मरीज को अनुभवी व अच्छे डाक्टर मिले, इसके लिए वेबसाइट ने एक अच्छी व्यवस्था कर रखी है। उसमें सभी डाक्टरों का प्रोफाइल भी डाला हुआ है। किसका कितना अनुभव है। किसके कितने पब्लिकेशन हैं। सबकुछ वेबसाइट पर उपलब्ध है। मरीज को सबसे पहले अपना रोग चुनें और उसी के मुताबिक डाक्टर। फिर अपने कागजात जमा कराने होंगे।
सलाह दी जाती हैं।
ओवर ट्रीटमेंट दिया जाता है। मान लीजिए किसी को दूसरे डाक्टर से सलाह देना है तो उसके लिए फिर से लंबा इंतजार करना पड़ता है। नए सिरे से टेस्ट होते हैं। ऐसे में यह नया ट्रेंड बेशक मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होगा। पंचकूला के जाने-पहचाने कोलेरेक्टल सर्जन डा. पंकज गर्ग बताते हैं कि यदि किसी मरीज को रिपोर्ट पर संदेह है और वह दूसरे राय लेना चाहता है तो उसे फायदा ही मिलेगा।
प्रोफेसर अमोद गुप्ता मुफ्त में सलाह देंगे
वेबसाइट से जुड़े डाक्टरों में पीजीआई के रिटायर्ड प्रोफेसर डा. आमोद गुप्ता, डा. एसके जिंदल, डा. विनय सखूजा, डा. विजय कुमार कक सहित अन्य प्राइवेट डाक्टर जुड़े। हर डाक्टर की फीस 500 रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तय की गई है, लेकिन डा. आमोद गुप्ता ने कोई भी फीस तय नहीं की है।
वे वेबसाइट के जरिए मुफ्त में ही परामर्श देंगे। हालांकि उनका कहना है कि इस व्यवस्था में मरीज का फिजिकल एग्जामिन नहीं कर पाएंगे। वे सिर्फ डाक्यूमेंट के आधार पर ही परामर्श दे पाएंगे। हो सकता है कि भविष्य में अप्वाइंटमेंट की व्यवस्था भी की जाए।
क्या मिल पाएंगे मरीज को अनुभवी डाक्टर: दूसरी बार राय लेने के दौरान मरीज को अनुभवी व अच्छे डाक्टर मिले, इसके लिए वेबसाइट ने एक अच्छी व्यवस्था कर रखी है। उसमें सभी डाक्टरों का प्रोफाइल भी डाला हुआ है। किसका कितना अनुभव है। किसके कितने पब्लिकेशन हैं। सबकुछ वेबसाइट पर उपलब्ध है। मरीज को सबसे पहले अपना रोग चुनें और उसी के मुताबिक डाक्टर। फिर अपने कागजात जमा कराने होंगे।