लखनऊ: अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बयान दर्ज कराने मंगलवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास और ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सीबीआई कोर्ट पहुंचे। बयान दर्ज कराने के बाद कोर्ट से बाहर निकले दोनों ने मीडिया से दूरी बना ली और बात करने से इंकार कर दिया।
कोर्ट में दिए अपने बयान में उन्होंने कहा है कि उन्हें जानबूझकर राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है। महंत नृत्यगोपाल दास अस्वस्थ हैं, इसलिए उन्हें व्हील चेयर पर कोर्ट लाया गया। उनके हाथ में पट्टी बंधी थी।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट में अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में आरोपियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। महंत और चंपत राय को सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। इस कार्यवाही में अदालत आरोपी को गवाह, सबूत एवं परिस्थितियों को इंगित करती है जो कि अभियोजन की कार्यवाही के दौरान उसके खिलाफ अदालत में पेश किए गए।
अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में छह दिसंबर को थाना राम जन्मभूमि में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में सीबीआई ने जांच करते हुए 49 आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किए थे। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, चंपत राय एवं महंत नृत्यगोपाल दास समेत 32 आरोपित ही बचे हैं, जिनके बयान दर्ज हो रहे हैं। वहीं आरोपितों में से 17 की मौत हो चुकी है।
इस मामले में सुनवाई अब अंतिम दौर में है। इस मामले में कुल 32 अभियुक्तों में से 22 की गवाही को चुकी है। सभी गवाहों के बयान के बाद अभियुक्तों को अपनी सफाई पेश करने का अवसर दिया जाएगा। जिसके बाद सीबीआई एवं अभियुक्तों के वकीलों के बीच बहस होगी। उसके बाद अदालत अपना फैसला सुनाएगी।