बांग्लादेश में संगठनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में 6 मरे
ढाका (एजेंसी): बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाके में एक प्रतिद्वंद्वी समूह द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में छह मूलवासी कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को गोली मारकर इनकी हत्या कर दी गई। इस इलाके में लंबे समय से कुछ संगठन विद्रोही गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि यह घटना चिंताजनक है क्योंकि यह बांग्लादेश के पहाड़ी इलाकों में कई विद्रोही समूहों के बीच वर्चस्व के संघर्ष को दर्शा रही है। स्थानीय लोगों और पुलिस ने कहा कि हत्या की वजह क्षेत्र में दो क्षेत्रीय समूहों द्वारा वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश हो सकती है। तीन घायलों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बीती मार्च में जेएसएस सुधारवादी समूह की 31 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। नई समिति के गठन के बाद सुधारवादियों और जेएसएस (संतू लामा) समूहों के बीच प्रतिद्वंद्विता शुरू हो गई। यह घटना मंगलवार सुबह करीब पांच बजे राजबीला यूनियन के बाघमारा बाजार के पास हुई।
स्थानीय यूनियन परिषद के सदस्य से प्रू मारमा ने कहा कि एक सशस्त्र समूह ने सुबह सुधारवादी जेएसएस अध्यक्ष के घर पर धावा बोल दिया और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि बांग्लादेश में चटगांव हिल ट्रैक्ट्स कई वर्षों से नरसंहार या जातीय सफाए जैसी घटनाएं होती रही हैं।
1960 और 1970 के दशक में हजारों लोगों को जलाशयों और पनबिजली परियोजनाओं के लिए अपनी भूमि को देने पर मजबूर किया गया था। इस विस्थापन को जुम्मा लोगों (क्षेत्र में सभी मूलनिवासी लोगों के लिए सामूहिक नाम) की हत्याओं ने और भी बदतर बना दिया था। 1997 में एक शांति समझौते ने जुम्मा लोगों को उनकी भूमि पर अधिकार को मान्यता दी।