नई दिल्ली: आज बुधवार को 35 साल बाद राजा मानसिंह हत्याकांड में फैसला आया जिसमें 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मंगलवार को 11 पुलिसकर्मियों को मथुरा जिला न्यायालय ने दोषी करार दिया था । जबकि तीन पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया गया। इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। एक आरोपी पहले ही बरी हो चुका है, जबकि तीन की मौत हो चुकी है।
क्या है मामला
कांग्रेस शासित सरकार के मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर हेलीकॉप्टर से डीग में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में सभा को संबोधित करने आए थे तभी राजा मान सिंह अपनी जीप लेकर सभा स्थल पर पहुंच गए और मंच तोड़ दिया। उसके बाद मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को भी अपनी जीप से तोड़ दिया था, जिसके बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया और पुलिस ने भी कर्फ्यू लगा दिया था।
बेटी ने किया था मुकदमा दर्ज
आपको बता दें कि राजा मान सिंह की मौत के बाद उनकी बेटी और बीजेपी नेता कृष्णेंद्र कौर दीपा ने डीएसपी कान सिंह भाटी सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था। जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया था जिसके बाद करीब 35 वर्षों से यह जांच चल रही थी और यह जांच प्रभावित न हो इसलिए उनकी पुत्री ने कोर्ट में अर्जी लगाकर इसकी सुनवाई मथुरा कोर्ट में ट्रांसफर करने की अपील की थी। जिसमें आज बुधवार को कोर्ट ने 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुना दी है।
जानकारी के अनुसार राजा मान सिंह की पुत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा ने कहा कि करीब 1700 तारीख पड़ी हैं और कई बार जज बदले हैं और करीब 35 साल बाद आज उनके पिता की आत्मा को शांति मिलेगी, जब उनकी हत्या के आरोपियों को दोषी माना गया है। इसमें कई पुलिसकर्मी दोषी थे जिसमें सीबीआई ने कोर्ट में 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ चालान पेश किया था। इसमें चार की मौत हो गई है और तीन को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। कोर्ट ने डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 11 पुलिसकर्मियों को दोषी माना था।
ये दोषी सिद्ध हुए
- कान सिंह भाटी, सीओ
- वीरेन्द्र सिंह, एसएचओ
- रवि शेखर, एएसआई
- सुखराम, कांस्टेबल
- जीवन राम, कांस्टेबल
- भंवर सिंह, कांस्टेबल
- हरि सिंह, कांस्टेबल
- शेर सिंह, कांस्टेबल
- छत्तर सिंह, कांस्टेबल
- पदमा राम, कांस्टेबल
- जगमोहन, कांस्टेबल
ये किए गए मुक्त
- कान सिंह सिरवी, निरीक्षक
- गोविंदराम, कांस्टेबल (जीडी लेखक)
- हरिकिशन, कांस्टेबल (जीडी लेखक)