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डूबते बच्चे को बचाने में दो सगे भाइयों की गई जान

गोड्डा: जिले के महागामा अनुमंडल में मानवता की एक ऐसी मिसाल दो भाइयों ने कायम की जिसकी चर्चा लोगों की जुबां पर है। अपनी जान देकर अपने से छोटे गांव के बच्चे को बचा कर उसने लोगों को मानवता का संदेश दे दिया है।

घटना शुक्रवार की है जब हनवारा नदी में डूबते हुए एक 10 वर्षीय बच्चे मुंतजीर को पास के खेत में काम कर रहे दो सगे भाई पप्पू एवं साजो ने अपनी जान गवा दी। शनिवार को दोनों सगे भाइयों की शव बगल के गांव में मिली तो चारों ओर हंगामा मच गया।

शनिवार की सुबह दोनों भाइयो को मुस्लिम रीति रिवाज के तहत सुपुर्द ए खाक किया गया। दो माह पूर्व ही दोनों भाई कोरोना संक्रमण के दौरान लगे लॉकडाउन में दिल्ली से वापस घर आये थे। दिल्ली में रहकर दोनों भाई दिहाड़ी मजदूरी का काम करते थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नारायणी गांव निवासी शेख कैला के बड़े बेटे परवेज़ उर्फ़ पप्पू(25) व मंझला बेटा साजो(22) दोनों खेत में काम कर रहे थे। इसी बीच गांव के ही 12 वर्षीय मुन्तजिर नदी में नहाने के दौरान डूबने लगे तो उन्होंने चिल्लाना शुरू किया तो दोनों भाई नदी के किनारे पहुंचे तो देखा की बच्चा डूब रहा है। इनकी मानवता नहीं मानी और साजो ने नदी में छलांग लगा दिया। बच्चे को तो साजो ने किनारे फेंक दिया लेकिन नदी के उफान के सामने वो खुद को नही बचा पाया और साजो डूबने लगा तभी बड़े भाई परवेज उर्फ़ पप्पू ने भी भाई को बचाने के लिये छलांग लगाया।

दोनों डूबने लगे काफी चीखा चिल्लाया मगर आसपास कोई रहते या आते तब तक दोनों पानी में डूब चुके थे। ग्रामीणों ने साढ़े पांच घण्टे नदी में काफी खोजबीन की। उसके बाद शीतल गांव के समीप दोनों भाई का शव मिला। पांच भाइयो में परवेज उर्फ़ पप्पू सबसे बड़े व साजो मंझला भाई था। इन दोनों के बाद 3 भाई और है।

मृतक के पिता शेख कैला बताते है परवेज उर्फ़ पप्पू का शादी हनवारा थाना क्षेत्र के रामकोल गांव में हुआ था एवं साजो का शादी छः माह पूर्व बिहार के धोरैया थाना क्षेत्र के महीला गांव में हुआ था। परवेज उर्फ़ पप्पू के दो पुत्र है दो साल का और छः माह का है। मृतक के पिता आगे बताते है कि इन्ही दो बेटो के कमाई से पूरा घर का भरण पोषण होता था। अब तो कमाने वाला ही चला गया।

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