खगड़िया: खगड़िया जिले के मानसी थाना क्षेत्र में एकनिया दियारा के टीकारामपुर के समीप बूढ़ी गंडक नदी की धारा में हुए नौका हादसे में बुधवार को कुछ और शव बरामद किए गए जिससे इस घटना में मौत के शिकार हुए लोगों की संख्या नौ हो गई है। मृतकों में पांच महिलाएं और दो बालक हैं। लगभग एक दर्जन लोग तैरकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहे। शवों की खोज का काम गंगा नदी में अगुवानी घाट जो सुल्तानगंज के सामने खगड़िया जिले की सीमा में है, तक की जा रही है।
डीएम आलोक रंजन घोष ने बुधवार को बताया कि तेज धारा में बहकर शवों के आगे बह जाने की संभावना को देखते हुए एसडीआरएफ को गंगा नदी में शवों की खोज में लगाया गया है। घटनास्थल स्थल से थोड़ा आगे जाकर बूढ़ी गंडक नदी गंगा नदी में मिलकर समाप्त हो जाती है। जिला प्रशासन ने बरामद नौ शवों का ब्यौरा दिया है उसमें दो मुंगेर जिला के निवासी हैं। मृतकों में छठ के यादव की पत्नी विशाखा देवी, पोहल यादव की पत्नी रूपम देवी, शंभू यादव का पुत्र सुशांत कुमार, रंजीत यादव की पुत्री शिवानी कुमारी सोसाइटी टोला के रहने वाले हैं जबकि संजीत पासवान की पत्नी रेखा देवी एक अन्य गांव के निवासी थे। रोशन यादव की पत्नी दुलारी देवी सोनवर्षा की रहने वाली थी। सिसवा गोगरी के रंजीत यादव का पुत्र अंकुश कुमार, मुंगेर जिला के इंग्लिश टोला निवासी सच्चिदानंद मंडल के पुत्र अभिमन्यु कुमार तथा मुंगेर जिला के देव अंडा टोला निवासी रामदेव ठाकुर के पुत्र रविंद्र ठाकुर का शव बरामद किया गया है।
डीएम ने बताया कि सभी मृतक के परिवारों को चार चार लाख रुपए अनुग्रह अनुदान के रूप में दिए गए हैं। अनुदान राशि का चेक स्थानीय विधायक पूनम देवी यादव की उपस्थिति में पीड़ित परिवारों को दिया गया।
नाव पर सवार चंडी महतो टोला टीका रामपुर जिला मुंगेर निवासी अमृत महतो ने बताया चुनाव में मशीन लगा हुआ था क्षमता से अधिक लोग सवार थे। वह लोग मना कर रहे थे तब भी नाविक ने नाव खोल दिया। उसके गांव के 3 लोग तैर कर अपनी जान बचाने में कामयाब रहे। मानसी थाना पुलिस और अंचल अधिकारी की लापरवाही के संबंध में पूछे जाने पर डीएम ने बताया कि सभी दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 2009 में खगरिया जिला के अलौली प्रखंड अंतर्गत फुलतोरा घाट पर एक भीषण नौका हादसा हुआ था जिसमें लगभग 6 दर्जन लोगों की जान गई थी। सरकारी नियमानुसार यात्री ढ़ोने वाले सभी नावों का रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग में करना है लेकिन सरकार के इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में निजी नाव लोगों के आवागमन के लिए लगाया गया है उसमें भी क्षमता से अधिक लोग सवार हो जाते हैं।