यातायात पुलिस लाईन से गायब हो गई लग्जरी गाड़ियों की चाबियों की पोटली
- डीसीपी यातायात ने कसे पेंच तो यातायात पुलिस लाईन मे मचा हडक़म्प
- दिन भर चाबियो की पोटली ढूढते रहे पुलिस कर्मी
लखनऊ: गाडिय़ो के चालान और गाडिय़ो को सीज करने मे फुर्ती दिखा कर अखबारो मे सुर्खियां बटोरने और वरिष्ठ अधिकारियो को खुश कर उनकी शाबाशी करने वाले यातायात पुलिस कर्मियो के गुरूवार को सदर कैन्ट स्थित यतायात पुलिस लाईन के कार्यालय मे चेहरे उतरे हुए नजर। लोगो की गाडिय़ो को सीज करने वाली यातायात पुलिस कितनी लापरवाह है इसका खुलासा गुरूवार को तब हुआ जब करीब 6 माह पूर्व सीज की गई फार्चूनर गाड़ी को रिलीज कराने की नौबत आई तो गाड़ी के चालक को यातायात पुलिस लाईन मे ये बताया गया कि चाबियो की जिस पोटली मे तुम्हारी फार्चूनर गाड़ी की चाबी रख्खी थी वो पोटली ही लापता हो गई है।
यातायात पुलिस लाईन के कार्यालय से चाबियो की पोटली गायब होने की खबर जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो यातायात पुलिस की खूब फजीहत हुई। कार्यालय मे जब अधिकारियो के फोन घनघनाए तो वहां मौजूद कर्मचारियो के हाथ पॉव फूल गए। कार्यालय से गायब हुई लग्जरी गाडिय़ो की चाबियो की पोटली की खबर को डीसीपी यातायात ने भी गम्भीरता से लेते हुए यातायात पुलिस लाईन के कर्मचारियो को फटकार लगाई लेकिन शाम तक चाबियो की पोटली का कुछ पता नही चल सका।
डीसीपी यातायात की नाराजगी के बाद पुलिस लाईन कार्यालय मे तैनात पुलिस कर्मियो ने कार्यालय का कोना कोना छान मारा लेकिन चाबियां कहा गई ये पता नही चल सका। चाौक के अकबरी गेट पर रहने वाले रहने वाले प्रापर्टी डीलर मोहम्मद अतीक ने बताया कि इसी साल 24 जनवरी को उनकी फार्चनूर गाड़ी यूपी 32 जे 0006 का चालक श्रीकृष्ण उर्फ गुडडू उनके बच्चो को लेकर हजरतगंज स्थित सेन्ट फ्रान्सिस स्कूल पहुॅचाने के लिए गया था इत्तेफाक से गाड़ी के कागजात घर पर ही थे उन्होने बताया कि यातायात पुलिस द्वारा चालक से गाड़ी के कागजात दिखाने को कहा गया लेकिन कागजात घर पर होने की वजह से वो कागजात नही दिखा सका तो पुलिस ने उनकी फार्चूनर गाड़ी को सीज कर दिया ।
उन्होने बताया कि गाड़ी यातायात पुलिस ले की चली गई और व्यस्तता के कारण वो दो महीने तक कोर्ट से गाड़ी को रिलीज नही करा पाए उसके बाद कोविड 19 के कारण लम्बे समय तक कोर्ट भी बन्द हो गए और कोर्ट मे वो जुर्माना नही जमा कर सके उन्होने बताया कि गुरूवार को उन्होने कोर्ट मे 11 हजार रूपए जुर्माना अदा कर गाड़ी का रिलीज आर्डर प्राप्त किया । रिलीज आर्डर लेकर जब उनका चालक श्रीकृष्ण उर्फ गुडडू सदर कैन्ट स्थित यातायात पुलिस लाईन पहुॅचा और कार्यालय मे बैठे पुलिस कर्मी कृष्णानन्द को रिलीज आडर दिखाया तो उन्होने कानूनी लिखा पढ़ी करते हुए गाड़ी गैराज से निकालने के लिए बाकायदा गेट पास भी दे दिया ।
गेट पास देने के बाद जब कृष्णानन्द से गाड़ी के चालक ने चाबी मांगी तो उन्होने गाड़ी की चाबी तलाश करना शुरू की । करीब एक घण्टे की तलाश के बाद भी जब चाबी नही मिली तो चालक से कहा गया कि अब आप कल आइएगा। कार्यालय मे चाबी न मिलने की बात जब मीडिया तक पहुॅची तो यातायात पुलिस लाईन के कार्यालय की इस बड़ी लापरवाही का मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। मैसेज वायरल होने के बाद यातायात पुलिस की जब फजीहत शुरू हुई तो कार्यालय के जिम्मेदार चाबी खोने के अनेक बहाने बनाते नजर आए।
कार्यालय मे तैनात कृष्णानन्द का कहना था कि आम वाहनो की चाबिया तो एक पैकेट मे रख दी जाती है लेकिन लग्जरी गाडिय़ो की चाबियो पर पर्ची लगा कर उन्हे एक अलग पोटली मे रख्खी जाता है उनका कहना था कि कार्यालय शिफ्ट होने की वजह से लग्जरी गाडिय़ो की पोटली कही इधर उधर हो गई है उस पोटली मे कई लग्जरी गाडियो की चाबियां है। इस सम्बन्ध मे जब डीसीपी यातायात से सम्पर्क किया गया तो उन्होने पुलिस लाईन कार्यालय मे तैनात पुलिस कर्मियो के खूब पेंस कसे चाबियों की पोटली गायब होने के प्रकरण को डीसीपी यातायात ने गम्भीरता से लिया है उनका कहना है कि वो पता लगा रही है कि चाबियां खोने मे किसकी लापरवाही है।
प्रापर्टी डीलर मोहम्मद अतीक का कहना है कि उनकी फार्चनूर गाड़ी 2011 टाप माडल फुल लोडेड गाड़ी है और चाबी के बगैर गाड़ी को सिर्फ क्रेन से ही उठा कर इधर से उधर किया जा सकता है उन्होने बताया कि आम गाडिय़ों की चाबियां तो आसानी से बनवाई जा सकती है लेकिन लग्जरी गाडिय़ो की डुप्लीकेट चाबी सिर्फ कम्पनी से ही दोबारा बन सकती है उन्होने बताया कि फार्चूनर गाड़ी की डुप्लीकेट चाबी बनवाने मे मोटी रकम खर्च होती है यानि डुप्लीकेट चाबी काफी मंहगी पड़ती है।
मोहम्मद अतीक का कहना है कि उन्हे यातायात पुलिस लाईन कार्यालय के जिम्मेदारो ने आश्वासन दिया है कि वो शुक्रवार को कम्पनी से डुप्लीकेट चाबी बनवाने के लिए इन्जीनियर बुला कर अपने खर्च पर चाबी बनवा कर उन्हे उनकी गाड़ी सुपुर्द करेगे। यातायात पुलिस लाईन के कार्यालय के कर्मचारियो की इस बड़ी लापरवाही ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए है कि आखिर कार्यालय से किसने और किस इरादे से लग्जरी गाडिय़ो की चाबियो की पोटली को गायब किया या फिर चाबियां वास्तव मे कही खो गई हैं चाबियों की पोटली गायब होने का कारण जो भी हो लेकिन मामला तो गम्भीर है ही।