स्पिनरों पर रहेगा दारोमदार
दक्षिण अफ्रीका से मुकाबला भारतीय मैदानों पर होने जा रहा है। इसलिए टीम इंडिया को घरेलू पिच का लाभ मिलेगा। चूंकि यहां स्पिन गेंदबाजी को ध्यान में रखकर पिचें तैयार करायी जाती हैं, इस कारण भारत के पास दक्षिण अफ्रीका को हराकर पुराना हिसाब चुकता करने का सुनहरा मौका है।
आदर्श प्रकाश सिंह
लंका के सफल दौरे के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को अब दक्षिण अफ्रीका से अपने घर में मुकाबला करना है। अक्टूबर-नवम्बर में दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत दौरे पर रहेगी। दो माह के लम्बे दौरे में महात्मा गांधी-नेल्सन मंडेला सीरीज के तहत चार टेस्ट मैच, पांच वन डे और तीन ट्वेंटी-20 मैच खेले जाएंगे। दो वर्ष पहले जब भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका गयी थी तो वह जीत को तरस गई थी। दरअसल, विदेश में जब भी टेस्ट मैच खेले जाते हैं, भारतीय खिलाड़ियों की कमजोरी सामने आ जाती है। तेज गेंदबाजी को मदद करने वाली पिचों पर हमारी टीम ज्यादातर लड़खड़ा ही जाती है। श्रीलंका व बांग्लादेश के हालात थोड़ा अलग हैं क्योंकि यह भारतीय उप महाद्वीप का ही हिस्सा है। लिहाजा वहां कोई बड़ी कठिनाई पेश नहीं होती। 22 साल बाद विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने श्रीलंका में जाकर टेस्ट सीरीज जीती है।
दक्षिण अफ्रीका से मुकाबला भारतीय मैदानों पर होने जा रहा है। इसलिए टीम इंडिया को घरेलू पिच का लाभ मिलेगा। चूंकि यहां स्पिन गेंदबाजी को ध्यान में रखकर पिचें तैयार करायी जाती हैं, इस कारण भारत के पास दक्षिण अफ्रीका को हराकर पुराना हिसाब चुकता करने का सुनहरा मौका है। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका अब तक भारत में कभी टेस्ट सीरीज हार कर नहीं लौटा है। सीरीज ड्रा जरूर हुई है पर भारत उसे हरा नहीं सका है। इस बार श्रीलंका में मिली जीत का टॉनिक शायद यह करिश्मा दिखा दे। महेन्द्र सिंह धोनी द्वारा टेस्ट की कप्तानी छोड़ने के बाद विराट कोहली के नेतृत्व में नया जोश दिख रहा है। सबसे खास बात यह है कि यह स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और अमित मिश्रा ने अपनी लय पकड़ ली है। श्रीलंका में इन दोनों के प्रदर्शन से ही हमें जीत मिली। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस जोड़ी पर ही सबसे ज्यादा दारोमदार रहेगा। चूंकि घरेलू मैदानों पर भारतीय टीम स्पिनर के साथ उतरता है, ऐसे में तीसरा स्थान भरने के लिए हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा में प्रतिद्वंद्विता रहेगी। श्रीलंका में हरभजन का लचर प्रदर्शन उनके खिलाफ जा सकता है। इसलिए अंतिम एकादश में उनका चयन मुश्किल ही लगता है। उधर, दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय पिचों को ध्यान में रखते हुए टीम में तीन स्पिनरों को शामिल किया है। इमरान ताहिर तो उनके मुख्य स्पिन गेंदबाज हैं। डेन पीएट की टीम में वापसी हुई है। जबकि तीसरे स्पिनर साइमन हार्मर हैं। जेपी डुमिनी भी स्पिन गेंदबाजी कर लेते हैं। दिलचस्प बात यह है कि टेस्ट, वनडे और टी-20 के लिए दक्षिण अफ्रीका के कप्तान अलग-अलग हैं। हाशिम अमला के हाथों में टेस्ट टीम की कप्तानी है। वन डे के कप्तान डिविलियर्स हैं जबकि टी-20 टीम की कमान फाफ डू प्लेसिस को सौंपी गयी है।
पांच वनडे की सीरीज का एक मैच 11 अक्टूबर को कानपुर के ग्रीन पार्क में खेला जायेगा। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन और प्रदेश सरकार के विवाद के चलते कानपुर से कई बार मैच छिन चुका है। कुछ माह पहले समझौते के बाद अब ग्रीन पार्क में मैचों का रास्ता साफ हो गया है। यहां दो साल पहले 2013 में वेस्टइंडीज के साथ वनडे हुआ था। तब से कोई मैच नहीं हुआ।