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माधुरी और परीणीति भी नहीं सुधार सकी हरियाणा का लिंगानुपात, 1 साल बाद वहीं के वहीं

23_1446268871दस्तक टाइम्स/एजेंसी- हरियाणा:
पानीपत। पूरे देश में कम लिंगानुपात वाले राज्यों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की गई थी। लेकिन हरियाणा में एक साल बीत जाने के बाद भी लिंगानुपात में कोई सुधार नहीं हो पाया है। सरकार द्वारा चलाई जा रही दर्जनभर योजनाओं का असर दिखाई नहीं दे रहा है, अनुपात वहीं खड़ा है, जहां एक साल पहले था।
 
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में जुलाई 2014 में बेटियों की संख्या एक हजार बेटों के पीछे 869 थी। जुलाई 2015 में भी यहीं टिकी है। प्रदेश के 9 ‘हाईप्रोफाइल’ जिलों में लिंगानुपात में गिरावट आई है जो स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है।  
वहीं मेवात जिला लिंगानुपात के मामले में प्रदेश के अन्य जिलों के लिए मिसाल बन गया है। वर्ष 2014 में जहां बेटियों की संख्या 912 थी, वहीं 2015 में बढ़कर 916 हो गई है। 900 का आंकड़ा पार करने वाला मेवात प्रदेश का पहला जिला है।
  
इन जिलों में और बिगड़े हालात
 
जिला
2014
2015
अम्बाला
899
879
फरीदाबाद
883
860
जींद
898
870
कैथल
908
878
कुरुक्षेत्र
875
853
पंचकूला
919
890
रेवाड़ी
793
792
रोहतक
886
857
सिरसा
886
881
 
 
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की समीक्षा बैठक में पेश आंकड़ों पर आधारित।
 
इन जिलों में हुआ सुधार
जिला
2014
2015
भिवानी
833
866
फतेहाबाद
883
897
गुड़गांव
830
841
हिसार
872
879
झज्जर
808
850
करनाल
888
891
मेवात
912
916
महेंद्रगढ़
758
792
पलवल
877
891
पानीपत
887
897
सोनीपत
833
838
यमुनानगर
870
883

 

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