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यूपी के 16 जिलों के 838 गांव बाढ़ से प्रभावित

लखनऊ, 18 अगस्त, दस्तक टाइम्स (ब्यूरो) :  उत्तर प्रदेश में 16 जिलों के 838 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। सूबे की कई नदियां खतरे के निषान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के सभी तटबंध सुरक्षित होने के दावे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बाढ़ राहत का कार्य सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में है और इसके लिए बजट की कोई भी कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि बाढ़ पीड़ितों को समय से राहत प्रदान की जाए।

बाढ़ राहत का कार्य सरकार की पहली प्राथमिकता

राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 16 जनपदों के 838 गांव बाढ से प्रभावित हैं। अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, बदायूं, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर बाढ़ से प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि पलिया कला (लखीमपुरखीरी) में शारदा नदी, तुर्तीपार (बलिया) में सरयू (घाघरा) नदी, एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) में सरयू (घाघरा) नदी तथा अयोध्या में सरयू (घाघरा) नदी खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बाढ़ राहत का कार्य सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में है और इसके लिए बजट की कोई भी कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि बाढ़ पीड़ितों को समय से राहत प्रदान की जाए।

एनडीआरएफ और पीएससी की टीमें तैनात

मंत्री राजभर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जल बहाव के कटान से प्रभावित भूमि के समीप स्थित स्कूल व पंचायत भवनों में बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों हेतु शरणालय न बनाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बाढ़ से प्रभावित जनपदों में पशुओं के चारे-भूसे की उचित व्यवस्था करने के साथ-साथ पशु टीकाकरण का कार्यक्रम समय से पूर्ण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित हैं। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में राहत एवं बचाव के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की सात टीमें, इस प्रकार कुल 22 टीमें तैनाती की गयी है। वहीं 1,176 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी हैं। बाढ़ एवं अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके हैं।

बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद

उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, पांच किलो लाई, दो किलो भूना चना, दो किलो अरहर की दाल, 500 ग्राम नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम धनिया, पांच लीटर केरोसिन, एक पैकेट मोमबत्ती, एक पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, एक लीटर रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं दो नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे हैं। मंत्री ने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 90,372 खाद्यान्न किट व 2,05,917 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 267 मेडिकल टीमें लगायी गयी हैं।

बाढ़ आपदा नियंत्रण केंद्र का स्थापना

मंत्री राजभर ने बताया कि बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 331 बाढ़ शरणालय तथा 748 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। प्रदेश में 353 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 6,64,881 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 2,717 कुंतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नंबर-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।  

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