स्वास्थ्य

बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले भी कर सकते हैं रक्तदान

दस्तक टाइम्स/एजेंसी: sehat_bombay_blood_group_30_10_2015बॉम्बे ब्लड ग्रुप एक दुर्लभ प्रकार का ब्लड टाइप होता है। चूंकि भारत में बॉम्बे में ऐसा सबसे पहला मामला आया था इसलिए इसे बॉम्बे ब्लड ग्रुप कहा गया। वैसे ऐसा बहुत ही कम परिस्थितियों में होता है, अपने देश में 10,000 में से कोई एक और यूरोप में एक लाख में से किसी एक का ही बॉम्बे ब्लड ग्रुप होता है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले ‘ओ’ ब्लड ग्रुप की श्रेणी में सामने आते हैं, हालांकि ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद उनमें रिएक्शन होता है, यहां तक कि ‘ओ’ ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के बावजूद। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे व्यक्ति में एंटीजेन ‘एच’ की कमी पाई जाती है, जिसकी वजह से इस प्रकार का रिएक्शन होता है।

क्यों होता है ऐसा

‘एच’ एंटीजेन प्रमुख प्रोटीन है जोकि ‘ए’ और ‘बी’ एंटीजेन्स को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके आधार पर ही ‘ए’और ‘बी’ या ‘एबी’ ब्लड ग्रुप का वर्गीकरण किया जाता है। आमतौर पर ‘ओ’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों के शरीर में ‘एच’ एंटीजेन ‘ए’ और ‘बी’ में कंवर्ट नहीं होता है। इसकी वजह से बड़ी मात्रा में ‘एच’ एंटीजेन का निर्माण हो जाता है। वहीं दूसरी ओर बॉम्बे ब्लड ग्रुप वालों का ब्लड ग्रुप ‘ओ’ होता है, लेकिन इनमें एक अंतर होता है कि ‘एच’ एंटीजेन नहीं पाया जाता। इन्हें ‘ओएच” ब्लड ग्रुप का माना जाता है और ‘एच/एच’ के रूप में वर्णित किया जाता है। इस ग्रुप वाले कुछ लोगों में थोड़ी मात्रा में ‘एच’ एंटीजेन का निर्माण होता भी है, जो कि स्राव के रूप में उपस्थित होता है। ऐसे ब्लड ग्रुप वालों को पैरा-बॉम्बे फेनोटाइप कहा जाता है।

ये भी कर सकते हैं रक्तदान

बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले लोग भी रक्तदान कर सकते हैं लेकिन सिर्फ इसी ग्रुप वाले लोगों को। चूंकि बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले काफी दुर्लभ होते हैं इसलिए इनका डेटाबेस ढूंढना भी आसान होता है और ये जरूरत पड़ने पर अपने ब्लड ग्रुप वाले लोगों की मदद भी कर सकते हैं। थैलेसिमिया की स्थिति में इस ब्लड ग्रुप वालों की मुसीबत और भी बढ़ जाती है, क्योंकि ऐसे रोगियों को लगातार ब्लड चढ़ाने की जरूरत होती है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले इन बातों का रखें ध्यान

अपना नाम ऐसे डेटाबेस में डालकर रखें, जो बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले लोगों की जानकारी अपने पास रखते हों।

यदि आपकी सेहत अच्छी है तो इस ब्लड ग्रुप वाले लोगों को जरूरत पड़ने पर ब्लड डोनेट करें।

अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर रखें और ऐसी स्थिति से बचें, जिसमें कि ब्लड की जरूरत पड़े।

 
 

Related Articles

Back to top button