योगी सरकार को मिली बड़ी कामयाबी, एईएस से मौत में 35 प्रतिशत की कमी
-पिछले वर्ष अगस्त की तुलना में इस महीने कई वेक्टर जनित रोगों में गिरावट दर्ज
-जेई के मामले 38 प्रतिशत और मलेरिया के 31 प्रतिशत हुए कम
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वर्ष एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस), जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) सहित विभिन्न वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण में प्राप्त सफलता पर संतोष जताते हुए इस कार्य को पूरी तेजी से जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना से भी लड़ना है और संचारी रोगों पर भी प्रभावी अंकुश लगाना है।
अपर मुख्य सचिव-गृह अवनीश अवस्थी ने सोमवार को बताया कि पिछले वर्ष अगस्त की तुलना में इस वर्ष अगस्त माह में एईएस रोगियों तथा मृतकों की संख्या में क्रमशः 48 प्रतिशत तथा 35 प्रतिशत की कमी पाई गई है। इसके साथ ही जेई के रोगियों में 38 प्रतिशत, मलेरिया के रोगियों में 31 प्रतिशत, डेंगू के रोगियों में 23 प्रतिशत तथा कालाजार के रोगियों में 74 प्रतिशत की कमी पाई गई है।
कोरोना संक्रमण काल में भी इस वर्ष पहले से बेहतर हुई स्थिति
पिछले वर्ष 20 अगस्त तक तक जहां एईएस के 816 मामले सामने आये थे और 34 लोगों की इससे मौत हुई थी। वहीं इसी अवधि में इस वर्ष मात्र 396 मामले सामने आए और 12 लोगों की मौत हुई।
इसी तरह पिछले वर्ष जेई के मामलों की संख्या 50 रही और 04 मौते हुईं। जबकि इस वर्ष 19 मामले सामने आए और 02 लोगों की मौत हुई। इसी अवधि में पिछले वर्ष मलेरिया के 15,101 मामले सामने आए और मौतों की संख्या शून्य रही। जबकि इस वर्ष यह संख्या 4,687 रही और एक भी मौत नहीं हुई। पिछले वर्ष डेंगू के 135 मामलों और 02 मौतों की तुलना में इस वर्ष 20 अगस्त तक मात्र 32 मामले सामने आए हैं और एक भी मौत नहीं हुई है।
जेई विशेष टीकाकरण अभियान से रोगियों की संख्या में कमी हुई दर्ज
प्रदेश सरकार के मुताबिक वर्ष 2018 की तरह वर्ष 2019 में तीन चरणों में तथा वर्ष 2020 में पुनः दो चरणों में एक महीने का विशेष रोग संचारी नियंत्रण एवं 15 दिवसीय दस्तक अभियान चलाया गया। इसके फलस्वरूप वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 तथा वर्ष 2020 में प्रदेश में मस्तिष्क ज्वर (एईएस-जेई) के रोगियों एवं रोग के कारण हुई मृत्यु की संख्या में कमी आयी। वृहद जेई विशेष टीकाकरण अभियान के फलस्वरूप पुष्ट जेई रोगियों की संख्या में भी कमी आयी है।
विशेष संचारी रोग अभियान में 02 लाख से अधिक नालियों की हुई सफाई
इसी तरह इस वर्ष जुलाई माह में चलाए गए विशेष संचारी रोग अभियान के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करते हुये ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में 55,000 से अधिक ग्राम सभाओं एवं 74,000 से अधिक ग्राम स्वास्थ्य, पोषण तथा स्वच्छता समिति की बैठकें आयोजित की गईं। अभियान के दौरान 1,34,000 से अधिक ग्रामों में खरपतवार की कटाई की गई तथा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 2,00,000 लाख से अधिक नालियों की सफाई की गई।
शुद्ध पेयजल को लेकर 61,000 से अधिक हैण्डपम्प कराए गए ठीक
शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के मद्देनजर 61,000 से अधिक इण्डिया मार्का-टू हैण्डपम्पों एवं 28,000 से अधिक उनके प्लेटफाॅर्म की मरम्मत की गई। 1,000 से अधिक कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर सन्दर्भित किया गया। शहरी क्षेत्रों में 8,800 से अधिक वाॅर्ड में फाॅगिंग कराई गई। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 1,41,000 से अधिक स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कराया गया।
दस्तक अभियान में आशा वर्कर 20 लाख से अधिक घरों तक पहुंचीं
इस वर्ष जुलाई में चलाए दस्तक अभियान के दौरान आशा वर्कर ने 20 लाख से अधिक घरों का भ्रमण किया गया। इस दौरान एईएस-जेई, वेक्टर जनित रोग एवं कोविड-19 संक्रमण से बचाव, रोकथाम एवं उपचार के सम्बन्ध में प्रचार-प्रसार किया गया। 1,77,000 से अधिक मातृत्व बैठकों का आयोजन किया गया। एईएस रोग पर चर्चा के लिए 76,000 से अधिक ग्रामीण स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस की बैठकों का आयोजन किया गया। स्वच्छ पेयजल के उपयोग के लिए 2,37000 से अधिक क्लोरिनेशन डेमो आयोजित किये गये।