अहमदाबाद : गुजरात (Gujrat) भाजपा (BJP) के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष (President) सीआर पाटिल (C R Patil) ने नगरपालिका अध्यक्ष (Municipal president) व उपाध्यक्ष के चुनाव में पार्टी के अधिक्रत उम्मीदवारों का विरोध करने वाले आधा दर्जन जिलों के करीब 40 पार्षदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
गुजरात में स्थानीय निकायों सहित नगरपालिकाओं में भी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का कार्यकाल ढाई-ढाई वर्ष का होता है। एक कार्यकाल पूरा होने के बाद इन पदों पर पार्टी किसी ओर नेता को चुनती है। गत 24 अगस्त को साबरकांठा की खेडब्रम्हा, पाटण की हारिज, बनासकांठा की थराद, कच्छ की रापर, राजकोट की उपलेटा तथा भावनगर की तलाजा नगर पालिका के प्रमुख व उपप्रमुख के चुनाव थे। भाजपा ने इन पदों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए, लेकिन पार्टी के ही कुछ अन्य पार्षदों ने उनके खिलाफ दावेदारी की अथवा चुनाव के दौरान भाजपा के निर्देशों की अवहेलना की। प्रदेश अध्यक्ष पाटिल ने पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश देने के लिए छह जिलों के 38 पार्षदों को पार्टी से सस्पेंड (Suspend) कर दिया।
अध्यक्ष बनने के बाद से पाटिल लगातार संदेश देते आ रहे थे कि पार्टी में गुटबाजी व सिफारिश का कोई स्थान नहीं है, पार्टी में पद व जिम्मेदारी उसी को दी जाएगी जो पार्टी को समर्पित होकर काम करेगा। उन्होंने दो टूक कहा था कि सिफारिश व गुटबाजी पार्टी में कतई बर्दाश्त नहीं है इसलिए कोई भी नेता व कार्यकर्ता इसमें अपने समय बर्बाद नहीं करें।
पद संभालने के बाद पाटिल के समक्ष आई इस पहली चुनौती का पाटिल ने अपने कहे अनुसार ही जवाब दिया है। राजनीति के जानकार बताते हैं कि विधानसभा की आठ सीटों पर होने वाले उपचुनाव तथा इसी साल के अंत में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव से पहले पाटिल पार्टी दो टूक संदेश दे देना चाहते हैं कि पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन (Infringement) करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।