शारदा नदी से ट्यूब के सहारे गश्त पर जा रहे कर्मी
टनकपुर/देहरादून : नेपाल पुलिस (Police of Nepal) ने चम्पावत (Champavat) के वनकर्मियों के नोमैंस लैंड के बाद नेपाल जंगल पार करते हुए भारतीय वन क्षेत्र में जाने पर रोक लगा दी है। ऐसे में वनकर्मी (Forest worker) जान जोखिम में डालकर शारदा नदी (Sharda River) से ट्यूब (tube) के सहारे गश्त पर जा रहे हैं। बीते 22 जुलाई को टनकपुर (Tanakpur) के पास स्थित ब्रह्मदेव में इंडो-नेपाल बॉर्डर (Indo Nepal Border) के नोमैंस लैंड (No mens Land) को लेकर विवाद सामने आया था। उसके बाद से नेपाल की ओर से लगातार मामले को तूल दिया जा रहा है। जिसका सामना अब भारतीय वनकर्मियों को भी करना पड़ रहा है।
आम तौर पर विवाद से पूर्व भारतीय वनकर्मी लगातार गश्त के लिए नेपाली क्षेत्र ब्रह्मदेव की सीमा के बाद भारतीय वन क्षेत्र में गश्त के लिए जाती थी। लेकिन बीते दिनों हुए विवाद के बाद अब नेपाल पुलिस की ओर से भारतीय वनकर्मियों नोमैंस लैंड के पास से होकर वन क्षेत्र में नहीं जाने दिया जा रहा है। ब्रह्मदेव (Brahmdev) से आगे नेपाल के जंगल के बाद भारत का पहला शारदा टापू बीट पड़ता है। जहां करीब 50 से 60 हेक्टेयर में शारदा टापू फर्स्ट बीट का वन क्षेत्र फैला हुआ है। इस क्षेत्र में वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी गश्त के लिए जाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पूर्व नेपाल पुलिस ने भारतीय वन कर्मियों को ब्रह्मदेव की सीमा से ही वापस लौटा दिया था। जिसके बाद अब वनकर्मी जान जोखिम में डालकर ट्यूब के सहारे शारदा नदी पार कर भारतीय सीमा में गश्त कर रहे हैं। उफनती नदी के बीच वन कर्मियों के लिए सीमा पर गश्त करना अब किसी चुनौती से कम नहीं है। इससे पूर्व एसएसबी को भी गश्त करने में व्यवधान डाला गया था।
मिली जानकारी के अनुसार भारतीय वनकर्मियों को गश्त से रोकने पर नेपाल पुलिस कोरोना संक्रमण का हवाला दे रही है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के कारण सीमा पर वनकर्मियों को गश्त से रोका जा रहा है। जबकि भारतीय वन क्षेत्र की सीमा ब्रह्मदेव या उनकी सीमा से काफी दूर है। जिससे संक्रमण फैलने का कोई मतलब नहीं है। कुछ ऐसे एरिया हैं, जहां पर नेपाल होकर जाना पड़ता है। इसके अलावा वहां कोई रास्ता नहीं है। उन जगहों पर नेपाल ने आने-जाने पर ऑब्जेक्शन (Objection) लगा दिया है। हम इसे एवोइड कर रहे हैं। लिहाजा हमारे पास मौजूद नाव (Boat) आदि अन्य संसाधनों का उपयोग कर हैं गश्त कर रहे हैं।