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कोविड-19 : अमेरिका में विश्व युद्ध-दो के जैसी हो गई स्थिति

कोविड-19 : अमेरिका में विश्व युद्ध-दो के जैसी हो गई स्थिति

नई दिल्ली, एजेंसी: कोरोना महामरी के चलते पूरे विश्व की अर्थ व्यवस्था धवस्त हो चुकी है जिसमें बहुआयामी अमेरिका सरकार का बजट घाटा रिकार्ड 3,300 अरब डॉलर पहुंच जाने का अनुमान है। कोविड-19 से निपटने के लिये जारी उपायों पर हो रहे खर्च और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये 2,000 अरब डॉलर से अधिक के प्रोत्साहन उपायों को देखते हुए बजट घाटा रिकार्ड स्तर पर पहुंचने की आशंका है।

विश्व युद्ध-दो के जैसी हो गई स्थिति

अमेरिका की कांग्रेस बजट कार्यालय ने यह अनुमान जताया है। घाटे में वृद्धि का मतलब है कि संघीय कर्ज अगले साल सालाना सकल घरेलू उत्पाद को पार कर जाएगा। यह स्थिति ठीक वैसी ही होगी जैसा कि विश्व युद्ध-दो के बाद हुई थी। उस समय संचयी कर्ज अर्थव्यवस्था के आकार से भी अधिक हो गया था।

2019 के घाटे से तीन गुना से भी अधिक

बुधवार को जारी 3,300 अरब डॉलर का अनुमान 2019 के घाटे से तीन गुना से भी अधिक है। वहीं 2008-09 में आयी नरमी के स्तर से दो गुना है। एक तरफ जहां सरकार के खर्च बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मंदी के कारण कर राजस्व कम हुआ है। व्यक्तिगत आयकर संग्रह पिछले साल के मुकाबले 11 प्रतिशत कम है जबकि कंपनी कर संग्रह 34 प्रतिशत कम चल रही है।

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युवा झेल रहे बेरोजगारी की मार

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये अर्थव्यवस्था को बंद किया गया था। इसका असर अर्थव्यवस्था और लोगों के रोजगार पर पड़ा। रोजगार से हाथ धने वालों को राहत देने के लिये 1,200 डॉलर का सीधे भुगतान और प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की गयी। इससे अल्पकाल में अर्थव्यवस्था को राहत मिली।

पांचवें वायरस राहत पैकेज की उलझन

बढ़ते खर्च को देखते हुए सांसद और अमेरिका व्हाइट हाउस पांचवें वायरस राहत पैकेज के आकार को लेकर आपस में उलझ रहे हैं। रिपब्लिकन सांसदों में महामारी से निपटने को लेकर बढ़ती लागत को लेकर चिंता बढ़ने लगी है, जबकि डेमोक्रेटिक नियंत्रण वाले सदन ने मई में 3,500 अरब डॉलर के पैकेज को पारित किया था। हालांकि, सदन की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने इस कम कर 2,200 अरब डॉलर करने की इच्छा जतायी है।

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